चंडीगढ़ सेक्टर-37 स्थित एक कोठी से उसके मालिक को बाहर कर उसे हड़पने के मामले में शहर के नामी लोगों की गिरफ्तारी हुई है| इन्ही में एक नाम चंडीगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर राजदीप सिंह का भी है जो कि थाना-39 में SHO के कार्यभार को संभाल रहे थे लेकिन अब इस मामले में उनका नाम आ जाने से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं| स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम(SIT) ने राजदीप सिंह को गिरफ्तार किया है| इधर, जहां राजदीप सिंह को SIT ने बीते शनिवार को कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड हासिल की थी वहीँ अब सोमवार को राजदीप को फिर से कोर्ट में पेश किया गया और अब राजदीप को कोर्ट द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजा गया गया है|
बतादें कि, इस मामले में राजदीप की चौथी गिरफ्तारी है| इससे पहले एक पत्रकार समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जो कि जेल में बंद हैं| अगर बात राजदीप की करें तो राजदीप पर कोठी हड़पने के लिए की गई साजिश में मिलीभगत का आरोप है| कहा जाता है कि सेक्टर 39 थाना प्रभारी रहते उन्होने कोठी के मालिक को अगवा करने और उसे कब्जाने के मामले में संलिप्त लोगों का सहयोग किया| ज्ञात रहे कि बीते शुक्रवार को इस मामले में इंस्पेक्टर राजदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया था|
फिलहाल, मामले में जहां अन्य आरोपियों को लेकर कार्रवाई जारी है वहीँ इस मामले में राजदीप के पूरे रोल का बाकायदा पता लगाया जा रहा है| इसके अलावा पुलिस उन और लोगों को तलाश कर रही है जिनकी इस मामले में संलिप्ता सामने आ रही है| बतादें कि, इस मामले में एक अन्य आरोपी बाउंसर सुरजीत की पहले ही मौत हो चुकी है। जबकि आरोपी शराब कारोबारी अरविंद सिंगला, कलेंद्र सिंह कादियां, अशोक अरोड़ा, सौरभ गुप्ता, शेखर, दलजीत सिंह को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। इन्हें आरोपियों में से एक शराब ठेकेदार अरविंद सिंगला की तलाश में पुलिस ने रविवार तड़के लुधियाना में उसके ससुराल में छापे मारे, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। पुलिस को सूचना मिली थी कि वह ससुराल में छिपा हुआ है। फ़िलहाल इस केस में राजदीप से पहले संजीव महाजन, डीएसपी रामगोपाल का छोटा भाई सतपाल डागर और मनीष गुप्ता गिरफ्तार हो चुके हैं और इन दिनों न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।