टैलेंट गैप को महिला कर्मचारियों से भरना चाहिए : वेदांता डिप्टी सीईओ
वेदांता की उद्यमी महिलाओं और उनकी तकनीकी महारत से विकास को लगे पंख
चंडीगढ, 8 मार्च :satya narayan gupta-- सरकार की ओर से ‘मेक इन इंडिया’ पर विशेष जोर दिए जाने से निर्माण क्षेत्र के कोर ऑपरेशंस में नए अवसर बन रहे हैं। ऐसा समय है, जब इस टैलेंट गैप को महिला कर्मचारियों से भरना चाहिए।
वेदांता लिमिटेड एल्यूमिनियम बिजनेस के डिप्टी सीईओ श्री राहुल शर्मा ने कहा, ‘‘वेदांता में हम महिला या पुरुष वाले विचार से परे और पारंपरिक या गैरपारंपरिक से इतरहर भूमिका पर विचार करते हैं। इसका अर्थ है कि यहां महिलाएं प्रचालन एवं अनुरक्षण, सुरक्षा, अनुसंधान एवं विकास, मार्केटिंग, वित्त एवं मानव संसाधन, जनसंपर्क, क्रेन एवं स्मेल्टर पॉटटेंडिंग मशीनों के प्रचालन आदि कार्यों में बढ़ चढक़र भूमिका निभा सकती है। देश के सबसे बड़े एल्यूमिनियम उत्पादक के तौर पर हम एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना चाहत ेहैं, जिसमें योग्यता, श्रेष्ठता, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा एवं नवाचार को महत्वमिले।’इसके साथ कंपनी का प्रयास है कि:
सभी कर्मचारियों की तरह महिलाओं को उनके व्यवहार एवं सीखने की इच्छा, शिक्षा एवं तकनीकी योग्यता के आधार पर नियुक्ति दी जाती है। इसके बाद उन्हें विश्वस्तर के विशेषज्ञों से अधिकतम संभव प्रशिक्षण दिया जाता है और एक ऐसा माहौल मिलता है जिसे जीवन में सभी पड़ाव पर सहयोग के लक्ष्य के साथ तैयार किया गया है। उन्हें सफलता का पूरा मौका मिलता है।
कंपनी की एक अहम खूबी यहां काम करने वाले कर्मचारियों के काम का प्रकार एवं अर्थपूर्ण जिम्मेदारियां भी हैं। यही वह बात है जो उन्हें इस कंपनी की ओर आकर्षित करती है और प्रतिभाओं को यहां बनाए रखती है। भूमिकाएं इस तरह से तय की जाती हैं, जिससे कर्मचारी सशक्त हों। इसी के साथ, एल्यूमिनियम कारोबार एक ऐसे उल्लेखनीय बिंद ुपर भी है, जहां कई नवाचार और काम के नए तौर-तरीकों की गुंजाइश है। यहां वास्तव में एक विविधतापूर्ण एवं समावेशीव र्कप्लेस है, जहां सीखने की अप्रत्याशित संभावनाएं हैं और वैश्विकस्तर परश्रेष्ठ कार्य शैली को भी अनुभव करने का मौका है। कंपनी लगातार विस्तार कर रही है, नए उत्पाद विकसित कर रही है और परिचालन बढ़ा रही है, इसलिए वेदांता की कार्यसंस्कृति में एक स्टार्टअप जैसा उत्साह और बड़ी वैश्विक कंपनी जैसा स्थायित्व दोनों एक साथ मिलता है।