प्रकाशनार्थ समाचार
"वैदिक सिद्धान्त सर्वोपरि" आर्य गोष्ठी सम्पन्न
वैदिक मान्यताएं पाखंड अंधविश्वास से बचाती है
-आचार्य विजयभूषण आर्य
शौर्य,पराक्रम व हिन्दुत्व के गौरव थे वीर शिवाजी
-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
chandigarh-19 फरवरी 2021, केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "वैदिक सिद्धान्त सर्वोपरि" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन ज़ूम पर किया गया । साथ ही हिन्दू वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी की 391 वी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । यह परिषद का कॅरोना काल में 176वां वेबिनार था ।
वैदिक विद्वान आचार्य विजय भूषण आर्य ने कहा कि वैदिक सिद्धान्त सर्वश्रेष्ठ है और व्यक्ति को अंधविश्वास, पाखंड से बचाने का कार्य करते हैं । उन्होंने कहा कि जिस व्यवस्था में बुरे काम व पाप क्षमा होते हैं, वह व्यवस्था पापों को बढ़ाने वाली होती है । पाप न हों अथवा कम से कम हों, इसके लिए ही पाप की कठोर व कठोरतम् सजा का प्रावधान न्याय संगत एवं अति आवश्यक है। वैदिक धर्म में सृष्टि के आरम्भ से ऐसा ही है। अतः सबको विवेक से काम लेना होगा अन्यथा उसका परिणाम तो उन्हें स्वयं ही भोगना होगा ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि विश्व के इतिहास में छत्रपति शिवाजी सरीखा कोई वीर दिखाई नहीं देता है जिन्होंने 19 वर्ष की आयु में ही कई दुर्गों पर अधिकार कर लिया हो और मुगल सल्तनत की नींव जड़ से हिला डाली हो । उन्होंने ही छापामारी युद्ध की शुरुआत की और कई बार मुगल सेना को परास्त किया और मुगल सरदार अफजल खा का वध भी किया । आज भी इतिहास अपने आप को दुहरा रहा है , राष्ट्र को फिर वीर शिवाजी जैसे वीरो की आवश्यकता है जो आंतकवाद का समूलनाश कर सके । वीर शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग,पूना में हुआ था , पिता का नाम शाहजी भोसले व माता जीजाबाई थी । माता जीजाबाई ने ही उनमें वीरता के भाव भरे । नयी युवा पीढ़ी को भारतीय महापुरुषों व सेनानियों को जानने व पढ़ने की आवश्यकता है तभी उनसे प्रेरणा लेकर वह भारत की अखंडता की रक्षा करने में सक्षम हो सकेंगे ।
मुख्य अतिथि मुनि राजेन्द्र आर्य(प्रधान, आर्य समाज, कोटा राजस्थान) ने कहा कि महर्षि दयानन्द के आगमन व आर्य समाज की स्थापना होने से धर्म सम्बन्धी विषयों के चिन्तन, विचार, प्रचार, कर्मकाण्ड आदि पर नई सोच ने जन्म लिया आज आम जन को यह बात बतलाने की आवश्यकता है ।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि यदि सभी लोग वेदों के अनुसार जीवन व्यतीत करें, वेदों को सर्वोपरि माने तो मनुष्य जीवन सफल हो जाएगा।
योगाचार्य सौरभ गुप्ता ने कहा कि युवाओं के लिये वीर शिवाजी से अच्छा हीरो नहीं हो सकता उन्हें अपना आइकॉन बनाना चाहिए ।
गायिका संगीता आर्या गीत, कुसुम भण्डारी,रविन्द्र गुप्ता,संतोष आर्या,जनक अरोड़ा, प्रतिभा कटारिया, काशीराम आर्य,विभा आर्या,हरि ओम आर्य,संध्या पांडेय आदि ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रमुख रूप से डॉ रचना चावला, बिन्दु मदान, डॉ सुषमा आर्या,विमलेश बंसल, ईश्वर देवी आर्या,आर पी सूरी,विजय हंस,ललित बजाज,कुमकुम आर्या आदि उपस्थित थे।
भवदीय,
प्रवीण आर्य,
मीडिया प्रभारी,
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