चंडीगढ़-- अग्रजन पत्रिका के लिए सत्यनारायण गुप्ता- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर एवं रामवीर भट्टी ने चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को अप्रैल व मई माह की स्कूल फीस 31 मई तक तथा जून माह की फीस 15 जून तक जमा करवाने के निर्देशों की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि प्रशासन का यह निर्णय पूर्णतः एकतरफा और केवल स्कूल संचालकों के हित को ही ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस फैसले से प्रतीत होता है कि प्रशासन स्कूल संचालकों के दबाव में है जिसके कारण प्रशासन ने पहले अपने ही द्वारा लिया गया फैसला, जिसमे स्कूल खुलने के एक महीने के अंदर फीस जमा करवाने के लिए कहा था, उसे पलटने में एक महीना भी नहीं लगाया। हालांकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद ने इस मुद्दे को आड़े हाथों लेते हुये प्रशासन के साथ बुद्धवार देर शाम और गुरुवार को भी इस विषय पर गहनता से चर्चा की ओर अभिभावकों को राहत प्रदान करने की पैरवी की। उन्होंनें प्रशासन को सुझाया कि वे स्कूल ऐसोसियेशनों के दवाब में न आकर अपने पुराने फैसले पर डटे रहें।
प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर एवं रामवीर भट्टी ने कहा कि यह निर्णय लेते समय बच्चों के अभिभावकों, राजनैतिक दलों तथा प्रशासक की सलाहकार समिति के सदस्यों तक से बात नहीं की गई, तथा बिना जमीनी हकीकत जाने प्रशासन ने यह फैसला केवल एक वर्ग के हितों को ध्यान में रखकर जनता पर थोप दिया।
उपरोक्त निर्णय से ऐसे प्रतीत होता है कि स्कूल संचालकों ने या तो प्रशासन में बैठे अधिकारीयों से अपने संबंधों का लाभ लिया है या किसी अधिकारी विशेष द्वारा अपने स्वार्थ के लिए इनको लाभ पहुँचाया गया है।
उल्लेखनीय है कि जब अभिभावकों, विशेषकर मध्यमवर्गीय शहरवासियों जिनमे छोटे दुकानदार, लघु उद्योगपति, व्यवसायी शामिल हैं, की जेबें लॉकडाउन के चलते कोई कमाई न होने पर लगभग खाली पड़ी हैं, ऐसे समय में चंडीगढ़ प्रशासन का यह निर्णय जनता पर कुठाराघात है।
वर्तमान में एक ओर केंद्र की मोदी सरकार 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज देकर लोगों को इस कठिन समय में सहायता प्रदान कर रही है वहीं दूसरी ओर प्रशासन में बैठे अधिकारी केंद्र सरकार की जनहितकारी नीतियों को धता बताकर शहरवासियों की जान लेने पर आमादा हैं।