चंडीगढ़, 22 फरवरी- अग्रजन पत्रिका-हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार में पिछ्ले 5 वर्षों में जो भ्रष्टाचार पनपा था, वह निरंतर बढ़ता जा रहा है। अब भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार के विधायक ही लगातार इस सरकार की पोल पट्टी खोल रहे हैं और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इससे प्रदेश में फैले व्यापक भ्रष्टाचार का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
यह बातें कुमारी सैलजा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत के उपरांत कही।
इस दौरान उन्होंने सरकार में शामिल एक विधायक द्वारा यह कहने पर कि कम से कम पेंशन में इतनी बढ़ोतरी तो की जाए कि वह मुंह दिखाने लायक तो रहें पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार में शामिल दलों के द्वारा प्रदेश की जनता से किए गए झूठे वायदों ने सरकार में शामिल विधायकों को ही मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा है। विधायकों को जनता के बीच जाने में डर लग रहा है और विधायक सरकार को झूठे वायदों पर आईना दिखा रहे हैं। वहीं सरकार में शामिल विधायक की सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
कुमारी सैलजा ने इस दौरान पंचकूला में धान घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज करने और किसानों को हिरासत में लेने की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार धान घोटाले की निष्पक्ष जांच करवाने में कतरा रही है, उससे साफ है कि भाजपा सरकार किसी भी कीमत पर इस घोटाले पर पर्दा डालना चाहती है।
उन्होंने कहा कि जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे साफ पता चल रहा है कि प्रदेश में बड़ा धान घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 लाख 25 हजार 145 किसानों ने लगभग 9 लाख 10 हजार 700 एकड़ धान का पंजीकरण करवाया था। प्रदेश की मंडियों में धान की 4 लाख 34 हजार 783 मीट्रिक टन सरकारी और 64 लाख 68 हजार 576 मीट्रिक टन प्राइवेट खरीद हुई। जिसकी औसतन पैदावार 75 क्विंटल होती है, जितनी पैदावार प्रति एकड़ होना संभव ही नहीं है। प्रदेश में 30 क्विंटल प्रति एकड़ धान से ज्यादा औसतन पैदावार संभव नहीं है। जिससे पता चलता है कि कितने बड़े स्तर पर प्रदेश में धान घोटाला हुआ है। लेकिन सरकार शर्मनाक तरीके से कह रही है कि प्रदेश में कोई घोटाला नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से प्री-बजट चर्चा दिखावा है। कांग्रेस पार्टी द्वारा विधानसभा में बेरोजगारी, एसवाईएल, धान घोटाला, किसानों को फसलों के उचित दाम, कम पेंशन, अपराध में बढ़ोतरी, कर्मचारिlयों की अनदेखी, युवाओं में बढती नशाखोरी, सरकार के दलित विरोधी रुख समेत अनेक जनहित के मुद्दे उठाए जाएंगे।