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Haryana

हरियाणा में तनाव की स्थिति,दिल्ली चारों तरफ से जाम अंबाला में शंभू बॉर्डर पर पुलिस और किसानों में टकराव पंजाब-दिल्ली से लगती हरियाणा की सभी सीमाएं सील हरियाणा पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान तैनात जीटी रोड जाम,किलोमीटर तक लगी वाहनों की कतार

November 26, 2020 07:05 PM
----  अग्रजन पत्रिका ब्यूरो ----
 
हरियाणा में तनाव की स्थिति,दिल्ली चारों तरफ से जाम
अंबाला में शंभू बॉर्डर पर पुलिस और किसानों में टकराव
पंजाब-दिल्ली से लगती हरियाणा की सभी सीमाएं सील
हरियाणा पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान तैनात
जीटी रोड जाम,किलोमीटर तक लगी वाहनों की कतार
-अशोक छाबड़ा-
099965-19000
हरियाणा। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली घेरने जा रहे किसानों के आंदोलन को लेकर हरियाणा में माहौल तनावपूर्ण है। इस वक्त दिल्ली की सभी सीमाओं पर लंबे जाम लगे हुए हैं और दिल्ली में प्रवेश के लिए आम आदमी को भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। दूसरी तरफ गुरुग्राम में योगेंद्र यादव ने किसान मोर्चा को दिल्ली कूच के लिए बुलाया था,लेकिन वहां पहुंचे सभी लोगों को हिरासत में ले लिया गया। हरियाणा में धारा 144 लागू कर दी गई है। वरिष्ठ अधिकारी हालात पर नजर रखे हुए हैं। ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है। दिल्ली कूच में एक लाख किसानों के जुटने का दावा किया जा रहा है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें रोका गया तो वे दिल्ली जाने वाले सारे रास्ते जाम कर देंगे। पंजाब के किसानों का पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पुलिस वालों से टकराव हो गया। किसानों ने आगे बढऩे के लिए बैरिकेड तोड़ दिए। इसके बाद पुलिस ने पानी की बौछारें करके उन्हें रोकने की कोशिश की। फिलहाल,हरियाणा में तनाव की स्थिति बनी हुई है। पंजाब से लगती सभी सीमाओं पर हरियाणा पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान तैनात हैं। अंबाला में पंजाब-हरियाणा के सादोपुर बार्डर पर दिल्ली जाने पर अड़े किसानों ने बेरिकेट्स और पुलिस नाका तोडऩे की कोशिश की। इस पर पुलिस ने हल्का लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोडे। इस दौरान पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार भी की। बाद में पंजाब के किसानों को आगे बढ़ऩे की अनुमति दे दी गई। उधर आंदोलन कर रहे हजारों किसान जीटी रोड पर समानाबाहु से आगे बढ़े और करनाल शहर के बाहर पहुंच गए हैं। यहां किसानों ने सड़क पर ही लंगर लगाया और इसके बाद आगे बढ़े। किसानों के दिल्ली कूच से जीटी रोड पर भीषण जाम की स्थिति है। इससे पहले किसानों ने रात्रि पड़ाव करनाल के पास समानाबाहु में डाला था। उनको रोकने के लिए करनाल जिले नीलाखेड़ी और तरावड़़ी में नाके लगाए गए हैं। बुधवार को किसानों ने अंबाला और कुरुक्षेत्र में कई जगह पुलिस नाके और बेरिकेट्स तोड़ डाले थे और आगे बढ गए थे। बृहस्पतिवार सुबह किसान समानाबाहू से करनाल की ओर बढे तो नीलोखेड़ी और तरावड़ी में नाके पर उनको रोकने की कोशिश की गई, लेकिन बाद में उनको जाने दिया गया। इसके बाद हजारों की संख्या में किसान करनाल पहुंचे। करनाल में भाकियू के प्रदेश प्रधान गुरनाम सिंह चढ़़ुनी ने किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसान हर हाल में दिल्ली पहुंचेंगे। इस दौरान करनाल में ही किसानों का लंगर लगा। बाद में किसान करनाल से पानीपत की ओर रवाना हो गए। इस दौरान आज हरियाणा के कर्मचारी भी राष्ट्रीय स्तर पर हो रही हड़ताल में शामिल होंगे। प्रदेश सरकार कर्मचारियों की इस हड़ताल को अवैध घोषित कर चुकी है। 
 
कैथल में किसानों पर पानी की
बौछार,लाठीचार्ज,एक घायल
कैथल में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया। इसके बावजूद किसान नहीं रुके और आगे बढ़ते गए। किसानों की भारी संख्या को देखते हुए पुलिस बल को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा। उन्हें दिल्ली की ओर जाने दिया गया। सुबह से ही किसानों ने डेरा जमा लिया था। इसके बाद किसान दिल्ली के लिए आगे बढऩे लगे। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उनका रास्ता रोका। बावजूद किसान नहीं मानें और बैरिकेड्स हटाकर आगे बढऩे लगे। ऐसे में पुलिस प्रशासन ने उन पर वॉटर कैनन से पानी की बौछार की। बावजूद किसान आगे बढऩे लगे तो उन पर लाठीचार्ज शुरू कर दिया। किसानों की भारी संख्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन को पीछे हटना पड़ा। इसके बाद किसानों को जाने दिया गया। किसान गुहला के बाद सीवन में प्रवेश करते हुए अब कैथल की ओर बढ़ रहे हैं।
 
रोहतक में किसानों और पुलिस के बीच झड़प
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए जिला में पुलिस ने पूरी बल प्रयोग किया। रोहद टोल पर पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार कर लिया है। किसान नेताओं को रोडवेज बसों में भरकर ले जाया जा रहा है। किसानों ने इसका विरोध भी किया और हंगााम हो गया। पुलिस ने कुछ किसान नेताओं को पहले ही गिरफ्तार कर जेल में बंद दिया है, वहीं चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। उधर, पुलिस गिरफ्तारी से बचे किसान गुप्त स्थानों पर दिल्ली कूच की रणनीति बना रहे हैं। जिला में सभी मुख्य मार्गों पर पुलिस बल तैनात किया गया है। दिल्ली की तरफ जाने वाले मार्ग पर जगह-जगह नाकाबंदी कर वाहनों की जांच की जा रही है। बड़े वाहनों को 
रोककर उनके सवार लोगों से भी पूछताछ हो रही है ताकि किसान किसी तरह से दिल्ली न पहुंच सके। रोहद टोल प्लाजा, मकड़ौली टोल प्लाजा, मदीना टोल प्लाजा, डीघल टोल प्लाजा पर भारी संख्या में पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। रोहद टोल प्लाजा पर तनाव बना हुआ है। रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संदीप सिंह खिरवार रोहद टोल प्लाजा के अलावा अन्य मुख्य स्थानों पर पुलिस की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को पूरी मुस्तैदी से तैनात रहने के निर्देश दिए। वहीं, सुबह जहां स्थिति सामान्य थी वहीं दोपहर बाद हालात बदल गए। किसान दिल्ली कूच के लिए टोल पर आ पहुंचे और पुलिस से भिड़ गए। 
 
आंदोलन पर कैप्टन अमरिंदर 
व मनोहर का वार-पलटवार
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भिड़ गए हैं। काफी किसान इन कानूनों पर अपना विरोध जताने के लिए बुधवार से दिल्ली जाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हरियाणा ने पड़ोसी राज्यों की सीमाएं सील कर इन किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के तमाम बंदोबसत किए। कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिहाज से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी चौकस है, लेकिन किसानों के इस आंदोलन की वजह से पिछले दो दिनों से न केवल यातायात बुरी तरह प्रभावित है,बल्कि आवागमन करने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बीच बृहस्पतिवार दोपहर को उस समय विवाद बढ़ गया,जब कैप्टन ने एक के बाद एक चार ट्वीट किए। दो ट्वीट उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को संबोधित करते हुए किए,जबकि एक ट्वीट भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को यह कहते हुए किया कि वह अपनी पार्टी की सरकारों वाले राज्यों को किसानों को दिल्ली पहुंचने देने के लिए अपील करें। मनोहर लाल ने कैप्टन के इन ट्वीट का लगातार जवाब दिया। मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण में कैप्टन अमरिंदर को भोले किसानों के ऊपर राजनीति करना शोभा नहीं देता। कैप्टन अमरिंदर ने अपने पहले ट्वीट में कहा कि यह दुखद विडंबना है कि संविधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकार को न केवल छीना जा रहा है, बल्कि उन्हें प्रताडि़त भी किया जा रहा है। किसानों को कंगाली के कगार पर मत धकेलो और उन्हें अपनी आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाने दो। कैप्टन ने दूसरे ट्वीट में कहा कि पिछले दो माह से किसान बिना किसी समस्या के पंजाब में शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अब वह जब हरियाणा पहुंचे तो बल प्रयोग कर उनकी आवाज को न केवल दबाया जा रहा है, बल्कि उन्हें हिंसक बनने के लिए उकसाया भी जा रहा है। कैप्टन ने इस ट्वीट में मनोहर लाल से पूछा कि क्या किसानों को सार्वजनिक राजमार्ग से शांतिपूर्ण तरीके से गुजरे का अधिकार नहीं है। कैप्टन ने अपने तीसरे ट्वीट में भाजपा हाईकमान से कहा कि पूरे देश का पेट भरने वाले किसानों के साथ इस तरह का अन्याय उचित नहीं है। भाजपा नेतृत्व को चाहिये कि वह अपनी पार्टी की सरकारों वाले राज्यों से कहे कि किसानों को अपनी बात कहने के लिए दिल्ली आने दें।
 
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तगड़ा जवाब
किसानों पर राजनीति बंद कीजिये, 
एमएसपी नहीं मिला तो राजनीति छोड़ दूंगा
कैप्टन अमरिंदर के इन तीनों ट्वीट का हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तगड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर जी,आपके झूठ, धोखे और प्रचार का समय खत्म हो गया है। लोगों को अपना असली चेहरा देखने दें। कृपया कोरोना महामारी के दौरान लोगों के जीवन को खतरे में डालना बंद करें। मैं आपसे लोगों के जीवन के साथ नहीं खेलने का आग्रह करता हूं। कम से कम महामारी के समय ऐसी सस्ती और घटिया राजनीति करने से बचें। मनोहर लाल यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि मैं पिछले तीन दिनों से आप से बात करने-आप तक पहुंचने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन दुख की बात है कि आपने मुझसे मिलने या बात करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। यह आपका फैसला है। इससे यह भी पता चलता है कि आप किसानों के मुद्दों के समाधान के लिए कितने गंभीर हैं। आप केवल ट्वीट करते हैं और भाग जाते हैं। आपको जवाब देना चाहिये कि आप बातचीत के लिए क्यों तैयार नहीं हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने तीसरे और आखिरी ट्वीट में कहा कि मैं पहले भी कहता रहा हूं और आज भी कह रहा हूं कि तीनों कृषि कानूनों से किसानों को कोई नुकसान नहीं होने वाला है। किसानों की सारी फसल एमएसपी पर खरीदी गई है। मंडी व्यवस्था भी कायम है। आगे भी रहेगी। यदि किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। इसलिए आप निर्दोष किसानों को उकसाना बंद करें।
 
 
 
 
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