Haryana
प्रदेश को राजनीति में तीसरे विकल्प की आवश्यकता: अशोक तंवर
November 24, 2020 08:03 PM
सफीदों :-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- प्रदेश को राजनीति में तीसरे विकल्प की आवश्यकता है क्योंकि कांग्रेस पार्टी विपक्ष की भूमिका निभाने में पूरी तरह से असफल साबित हुई है। यह बात पूर्व सांसद अशोक तंवर ने कही। वे सोमवार को नगर के रेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर वरिष्ठ नेता नरेश जांगड़ा विशेष रूप से मौजूद थे। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में सरकार की तानाशाही चल रही है। सरकार के जो मन में आ रहा है वह जनता पर थोप रही है। लोकतंत्र में विपक्ष की अहम भूमिका होती है लेकिन विपक्ष खासकर मुखय विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी अपनी भूमिका निभाने में असक्षम रही है। कांग्रेस पार्टी और उसके नेता भाजपा के इशारे पर कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में तीसरे विकल्प के लोग निरंतर मांग कर रहे है। लोगों की भावनाओं के अनुरूप तीसरा विकल्प देने की उनकी पूरी तैयारी चल रही है। उन्होंने कहा कि अभी ट्रेलर चल रहा है। जिस दिन साथी कह देंगे उसी दिन प्रदेश को नया विकल्प दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब सदन का नेता ही यह बात कह रहा हो कि कांग्रेस का संगठन ही नहीं है और फाइव स्टार से चल रहा है तो उस पार्टी का भला नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि फाइवस्टार की संस्कृति के कारण ही देश-प्रदेश में कांग्रेस को खात्मे के कगार पर खड़ा कर दिया है। इस पार्टी में खून पसीना बहाने वाले नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की कोई कदर नहीं है और उसका परिणाम यह है कि धीरे-धीरे लोग पार्टी को छोडक़र चले जा रहे है। पार्टी में उनकी वफादारी व मेहनत की कदर ना होने के कारण उन्होंने पार्टी को अलविदा कहा था। प्रदेश कांग्रेस में तो हालात यह है कि पैसे देकर टिकटें बिक रही हैं और एमएलए बनाए जा रहे हैं। तंवर ने राइट टू रिकॉल कानूर पर कहा कि यह कानून पूरी तरह से ढकौसला है और इस कानून में केवल गरीब व शरीफ जनप्रतिनिधि ही पीसे जाएंगे। पैसे व पहुंच वाले लोगों का कुछ भी बिगडऩे वाला नहीं है। उन्होंने मांग उठाई कि यह कानून सबसे पहले सांसद व विधायक पर लागू होना चाहिए। यह कानून कहीं पर व्यवहारिक नहीं है। इंडस्ट्री की नौकरियों में 75 प्रतिशत युवाओं के आरक्षण की बात पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में आर्थिक मंदी का दौर जारी है और उद्योग धंधे पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं। जब उद्योग-धंधे ही नहीं चल रहे है तक सरकार उनके युवाओं को कैसे नौकरियां दिलवा पाएगी। पानीपत मामले पर अशोक तंवर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है और कानून के रखवालो द्वारा ही लोगों को प्रताडि़त किया जा रहा है। हालात यह हो गए हैं कि पुलिस प्रताडऩा से तंग आकर पीडि़त हरीश शर्मा को नहर में कूदकर अपनी जीवनलीला समाप्त करने को मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार कानून व्यवस्था को काबू करने में पूरी तरह से नाकाम है। सफीदों में गुंडागर्दी अपनी चरम सीमा पर है। यहां हर रोज बदमाशों द्वारा संगीन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। प्रदेश में क्राइम का ग्राफ इस कदर बढ़ रहा है कि सरकार को हर रोज नए थानों की स्थापना करनी पड़ रही है। अशोक तंवर ने कृषि अध्यादेशों को काला कानून करार देते हुए कहा कि यह कानून किसान, मजदूर, आढ़ती व मंडी व्यवस्था से जुड़े लोगों को तबाह करने वाला है। देश -प्रदेश के किसान, मजदूर, गरीब व व्यापारी में रोष है तथा सरकार गूंगी-बहरी भूमिका में खड़ी है। किसान-मजदूर के दर्द को समझने वाला कोई नहीं है। किसान, मजदूर व आढ़ती सडक़ों पर आंदोलनरत्त है। हालात इस कदर खराब है कि किसानों के खाते में आजतक पैसे नहीं आए हैं। देश में कोराना के नाम पर लूट चल रही है तथा बहुत बड़ी साजिश की बू आ रही है।