रोहतक- वैश्य शिक्षण संस्था में कल प्रशासक प्रदीप गोदारा ने कार्यभार संभाल लिया। इसी के साथ संस्था के प्रधान पक्ष की ओर से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका भी खारिज कर दी गई। इस मामले में 5 अगस्त को सुनवाई तय की गई थी। प्रधान विकास गोयल ने इसे लेकर सरकार पर वैश्य समाज से धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए हैं। साथ ही अब कानूनी कदम आगे बढ़ाने को लेकर रायशुमारी की जा रही है। दूसरी ओर महासचिव डाॅ. चंद्र गर्ग ने इसे सच्चाई की जीत कहा है।
खैर, सरकार की ओर से प्रशासक तैनात करने के बाद नगर निगम आयुक्त प्रदीप गोदारा संस्था में पहुंचे और यहां पर संस्था का प्रभार संभाला। यहां पर कॉलेज व शिक्षण संस्थानों के प्रिंसीपल की बैठक ली गई। साथ ही अपने हस्ताक्षर को भी बैंक में भेज दिया गया है ताकि आगामी गतिविधियों को आगे बढ़ाया जा सके। अब संस्था में विकास कार्याें को लेकर एडवाइजरी कमेटी का गठन किया जाएगा। बता दें कि अब एक साल के कार्यकाल के लिए प्रशासक तैनात किया गया है। इससे पहले भी दो बार संस्था पर प्रशासक लगाया गया था। इस कार्यकाल के दौरान चुनाव करवाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा और साथ ही संस्था के हित में जरूरी कदम भी उठाने होंगे।
*साजिश के तहत लगाया प्रशासक : गोयल*
संस्था में चुनाव के लिए आरओ मांगा गया, जबकि केस के मामले में साजिश के तहत पहले ही सरकार ने प्रशासक लगा दिया। ऐसे में कोर्ट ने इस केस को खारिज कर प्रशासक लगाने के मामले में अपील करने की बात कही। इसमें पूरी तरह से सरकार शामिल थी। इससे पूरे वैश्य समाज में रोष है। अब आगे के लिए कानूनी राय ली जा रही है। - विकास गोयल, निवर्तमान प्रधान, वैश्य संस्था।