मोरनी।-- अग्रजन पत्रिका नंद सिंगला---- गठबंधन सरकार की मोरनी पर न तो नीति सही है और न ही नीयत, तभी सरकार की हर वक्त ये मंशा बनी रहती है कि मोरनी पर ऐसे तानाशाही फैसले थोपते रहती है। मोरनी प्रकृति की सुनहरी देन है। जिसे सूंदर बनाने की सोच होनी चाहिए ना कि इस पर बर्बादी के धब्बे लगाने चाहिए। उक्त शब्द कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी ने कहे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोरनी ब्लॉक के लोग खेती पर निर्भर है। लेकिन सरकार किसानों की जमीन को प्रभावशाली लोगों को देने की कोशिशें कर रही। सरकार को ऐसा कतई नही करना चाहिए। यहां पहले होटलों पर शिकंजा कसा, जिससे यहां कारोबार ठप्प हो गया। इसके अलावा टाउन एंड कंट्री विभाग मोरनी, रायपुररानी, पिंजौर औऱ कालका में तोडफ़ोड़ करके जिंदगी भर की लोगों की कमाई से बने निर्माण तोड़ कर आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा हैं।
जो यहां के लोगों की प्रमुख समस्याएं है, उन पर सरकार ध्यान दे। लेकिन यहां उल्टा हो रहा है। लोगों की दिक्कतों को भुलाकर जनविरोधी फैसले थोपे जा रहे है। जिनके प्रति लोगों में गहरी नाराजगी है। दशकों से 14 भोज कोटाहा के लोग जमीन पर मालिकाना हक हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे है। परंतु इस पर सरकार की नीति और नीयत में बड़ा खोट है। लेकिन जनता की जरूरतों को सरकार ने कभी भी गंभीरता के साथ नही सोचा। बाहरी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए मोरनी के लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। सरकार को पड़ोसी राज्य हिमाचल से सबक सीखना चाहिए। वहां पहाड़ी क्षेत्र में लोगों को कितनी सहूलियतें दी जा रही है। मोरनी में भी ऐसी सुविधाएं दी जाए। वहां पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाता है। लेकिन हरियाणा सरकार पर्यटन को कमजोर कर रही है।