करनाल-- अग्रजन पत्रिका के लिए सत्यनारायण गुप्ता- अपनी पसीना बहाकर उद्योगों का पहिया घुमाने वाले, बड़े-बड़े भवन बनाने वाले व खेतों खलियानों में चिलचिलाती धूप में अपना पसीना बहाकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाले श्रमिकों का खून इतना सस्ता हो गया है कि वह आज सड़कों पर बह रहा है । जब किसी श्रमिक के साथ दुर्घटना की जानकारी पता चलती है तो आंखों से आंसू बरबस ही निकल पड़ते हैं। कोरोना महामारी की बजाय अधिक जानें दुर्घटनाओं के कारण जा रही हैं । यह बात आम आदमी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी महेंद्र राठी ने एक बयान में कही । उन्होंने कहा कि देश का श्रमिक भूख और अभाव के कारण पलायन करने पर मजबूर हुआ । सरकार समय पर श्रमिकों की मदद के लिए आगे नहीं आई जिससे उस का भरोसा उठ गया और वह पैदल ही अथवा जो कुछ भी साधन मिला उससे अपने घर के लिए निकल पड़ा । गर्भवती श्रमिकाओं का नंगे पांव गर्म सड़क पर चलना, छोटे-छोटे बाल गोपालों को सामान के ऊपर उंघते देखना एक दर्दनांक मंजर है। कोई भी साधारण से साधारण व्यक्ति भी जब यह मंजर देखता है तो उसके के भी आंसू निकल जाते हैं । निसंदेह हरियाणा सरकार मजबूर श्रमिकों की सहायता का अब ढिंढोरा पीट रही है । परंतु पर्याप्त मात्रा में बसों व अन्य संसाधनों को उपलब्ध कराकर श्रमिकों को अभी तक सुरक्षा प्रदान करने में पूर्ण रूप से विफल रही है । आम आदमी पार्टी श्रमिकों की सुरक्षा व सुरक्षित यात्रा के लिए चिन्तित है और हरियाणा सरकार को निवेदन करती है कि तहसील व जिला स्तर पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। श्रमिकों की सुरक्षा हेतू सबको साथ लेकर सुनियोजित योजना लागू करे । आम आदमी पार्टी सरकार को पूर्ण सहयोग का आश्वासन देती है ।