*फसल खरीद में अपनी नाकामी छिपाने के लिये झूठे आँकड़ो का सहारा ले रही है हरियाणा सरकार : बलराज कुंडू*
*माँगा जवाब - कब तक किसान को उसकी फसल का होगा भुगतान*
महम विधायक बलराज कुंडू ने सरकार की सच्चाई की असलियत ब्यान करते हुए कहा कि एक तरफ कोरोना महामारी, दुसरी तरफ खराब मौसम और अब सरकार भी जो सबका पेट भरता है, उसी अन्नदाता किसान के मुँह का निवाला भी छिनना चाहती है | गेहूँ के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 15 रु. प्रति क्विंटल की कटौती का बर्बर व निर्दयी निर्णय हरियाणा की असंवेदनशील सरकार ही ले सकती हैं। आज हरियाणा सरकार किसान के शोषण का नया काला अध्याय लिख रही है | हरियाणा सरकार यह जान लें कि किसान की मेहनत की कमाई से की जा रही दिन दहाड़े लूट किसान कभी मंजूर नहीं करेगा। किसान की मेहनत और खून पसीने की कमाई पर डाका हमें कतई मंजूर नही है | आज प्रदेश सरकार झूठे आँकड़े दिखा कर अपनी नाकामी छिपाने का असफल प्रयास कर रही है | सरकार दावा कर रही है कि गेहूँ 58.44 लाख मीट्रिक टन व सरसों 5.02 लाख मीट्रिक टन खरीद चुकी है, जबकि सरकारी पोर्टल ई खरीद के आंकड़े कुछ और ही बयान कर रहे हैं | पोर्टल ई खरीद के आंकड़ो के अनुसार गेहूँ 55.10 लाख मीट्रिक टन व सरसों 4.57 लाख मीट्रिक टन खरीदी गई है | सच्चाई तो ये है कि जो पेंडिंग खरीद है सरकार उसे भी अपने आँकड़ो में मिला कर दिखा रही है | सच ये भी है कि गेहूँ और सरसों की फसल की खरीद बहुत धीमी है, अब तक सरकार ने गेहूँ की 55% व सरसों की 35% ही खरीद की है | इतना ही नही फसल में नमी के नाम पर, तुलाई के नाम पर और उठाव के नाम पर किसानों से छलावा हो रहा है| कितने दुर्भाग्य की बात है कि आज तक किसानों को फसल का भुगतान ही नही किया गया है | बलराज कुंडू ने हरियाणा सरकार से य़े जवाब माँगा की कब तक किसान को उसकी फसल का पैसा मिलेगा, ये साफ करे सरकार | नमी के नाम पर किसानों के साथ हो रही भयंकर कटौती बंद करे | गांव की अस्थाई मंडियों में जो खुले में गेहूँ पड़ा है, उसका उठाव नही हो रहा है, खरीद की धीमी गति से व् खराब मौसम के चलते किसान व आढ़ती बेहद परेशान हैं, 72 घंटे में जो किसानों को भुगतान के बड़े बड़े वायदे सरकार ने किये थे, आज वो सब धरे के धरे रह गये हैं, किसान-आढ़ती को पेमेंट के नाम पर केवल आश्वासन मिल रहे हैं , ऐसा क्यों?