पिजौंर- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता-- अमरावती ववद्यालय में 30 नवंबर को वावषिकोत्सव मनाया गया जिसमें हररयाणा ववधानसभा के अध्यक्ष
श्री ज्ञानचदं गुप्ता िी को मुख्याततथि के रूप में आमंत्रित ककया गया। जिन्होंने दीपक प्रज्वललत कर
कायिक्रम का शुभारंभ ककया। इस वषि वावषिकोत्सव में स्वदेशी भाषाएं िो समय के पररवतिन के साि लुप्त
होने के कगार पर हैंउनको पुनिीववत करने का एक नन्हा सा प्रयास ककया गया।
कायिक्रम की शुरुआत ववद्या व बुवि की देवी सरस्वती का वंदन कर उनका आह्वाहन ककया गया। इसके
बाद संस्कृत साहहत्य के महान साहहत्यकार काललदास के महामूर्ि से महापंडित बनने की किा का मंचन
ककया गया। हहंदी साहहत्य के सम्राट मुंशी प्रेमचन्द िी की रचना बूढ़ी काकी के माध्यम से मनुष्य की
स्वािी भावनाओं का घणृणत एवं वीभत्स रूप प्रस्तुत ककया गया जिसके माध्यम से समाि की उस समस्या
को उठाया गया िहां विृ िनों से उनकी सम्पजत्त लेकर उन्हें ककस प्रकार ततरस्कृत ककया िाता है जिसने
दशिकों को झकझोर कर रर् हदया। तलमल भाषा के नाटक थिरुविल्याडल में लशव पाविती के संवाद के
माध्यम से भगवान लशव द्वारा अहंकारी भक्त को वास्तववकता से पररथचत करवाकर सही मागि हदर्ाया
गया । इसमें यह भी लशक्षा दी गई कक ईश्वर को के वल भाव चाहहए अन्यिा कुछ नहीं।
बांग्ला व मराठी भाषाओं के समाि सुधारकों रािा राममोहन राय व संत ज्ञानेश्वर के माध्यम से तत्कालीन
समाि में व्याप्त अस्पश्ृयता व सती प्रिा के ववरोध के मंचन ने दशिकों को मकू कर हदया। इसके अततररक्त
संगीत यािा में लसने िगत के आरंभ से लेकर अब तक के सफर को गीतों के माध्यम से सिाया गया
जिसने दशकि ों को गुनगुनाने के ललए मिबूर कर हदया। इसी दौरान ववद्यालय की तनदेलशका श्रीमती
अंत्रबका मेनन ने ववद्यालय की वावषिक ररपोटि के माध्यम से गतवषि की उपलजधधयों व आगामी वषि की
योिनाओं सेअलभभावकों को अवगत करवाया।
लशक्षा, र्ेल, कला व अन्य क्षेिों में अव्वल रहने वालेछािों को मुख्याततथि द्वारा पदक व नकद रालश देकर
सम्मतनत व प्रोत्साहहत ककया गया। पंिाब की शान भांगडे ने तो दशिकों को नाचने पर मिबूर कर हदया।
ग्रैंि कफनाले के माध्यम से हमारे राष्रवपता महात्मा गांधीिी की 150वीं ियंती पर उन्हें श्रिा समु न अवपित
ककए गए। मुख्याततथि ने अपने अलभभाषण में छािों के प्रयासों व अध्यापकों के पररश्रम की सराहना की
तिा ववद्यालय के उज्ज्वल भववष्य की कामना की।
प्रबंधन सलमतत के कुलपतत श्री कुलवंत लसहं , अध्यक्ष कुलभूषण गोयल व अन्य सदस्यों ने मुख्याततथि का
अपनी व्यस्त हदनचयाि से अपना अमूल्य समय तनकालकर कायिक्रम में शालमल होकर कायिक्रम को चार
चांद लगाने के ललए धन्यवाद हदया व कायिक्रम के सफल आयोिन के ललए तनदेलशका अंत्रबका मेनन
प्रधानाचायाि श्रीमती मनीषा िोगरा को बधाई दी। कायिक्रम का समापन राष्रीय गान से हुआ।