Friday, April 26, 2024
Follow us on
 
BREAKING NEWS
राज्य सरकार पंचकूला में पत्रकारिता विश्वविधालय स्थापित करने पर गंभीरता से करेगी विचार-विधानसभा अध्यक्ष*भाजपा पंचकूला ने अल्पसंख्यक मोर्चा के 4 मंडल अध्यक्षों की घोषणा कीजन सरोकार दिवस’ रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए कार्यकर्ता दिन रात एक कर दे - अजय सिंह चौटालानिर्यातक के घर के सामने जमकर प्रदर्शन किया और हर रोज धरना देने का फैसला लिया। कहां की है घटना पढ़िए पूरी खबरअभय सिंह की जीत के बावजूद किसान की करारी हार-- ऐलनाबाद उपचुनाव परिणाम की समीक्षा --- पढ़िए पूरा विश्लेषणमल्टीस्पेशलिटी चेकअप कैंप में 270 लोगों की जांच, 20 आपरेशनविधानसभा अध्यक्ष ने किया अमरटेक्स, इंडस्ट्रियल एरिया फेस-1 में फैक्ट्रियों के मालिकों व श्रमिकों/कर्मचारियों के लिये मैगा कोविशिल्ड वैक्सीनेशन कैंप का उद्घाटन।पेड़-पौधे लगाकर हम धरती माता का श्रृंगार कर सकते हैं: श्रवण गर्ग
 
 
 
Punjab

शिरोमणि अकाली दल कई बार टूटा, कई शाखाएं फूंटी, लेकिन कभी भी पार्टी को विश्वास के संकट से नहीं जूझना पड़ा।

December 13, 2020 07:13 PM
चंडीगढ़-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो--देश की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल कल 14 दिसंबर को 100 साल की हो जाएगी। इस 100 सालों के इतिहास में शिरोमणि अकाली दल कई बार टूटा, कई शाखाएं फूंटी, लेकिन कभी भी पार्टी को विश्वास के संकट से नहीं जूझना पड़ा। जब अकाली दल अपना स्वर्णिम 100 वर्ष का इतिहास लिखने जा रहा है तो आज पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती विश्वास की है। कभी ऐतिहासिक गुरुद्वारों को महंतों के कब्जे से आजाद करवाने के लिए तैयार की गई यह पार्टी आज अपने सबसे बड़े दो स्तंभ पंथ और किसानों के विश्वास बहाली के लिए जूझ रही है। शिरोमणि अकाली दल के 100 साल के इतिहास को पलट कर देखा जाए तो संघर्ष इस पार्टी का अभिन्न अंग रहा है। गुरुद्वारा सुधार लहर से दल का गठन हुआ जो ब्रिटिश शासन के अधीन थे। यही वजह थी कि अकालियों को गुरुद्वारों की स्वतंत्रता में देश की स्वतंत्रता की भी झलक दिखती थी। ननकाना साहिब को आजाद करवाने के लिए बड़ी लड़ाई लड़ी गई, जिसमें 130 अकाली शहीद हो गए।  हंत नारायण दास को ब्रिटिश प्रशासन का समर्थन था। चाबियों का मोर्चा, जैतो का मोर्चा समेत कई मोर्चे अकाली दल ने गुरुद्वारा साहिबान को आजाद करवाने के लिए लड़े। इन गुरुद्वारों पर अपना प्रबंध बनाने के लिए 1925 में गुरुद्वारा एक्ट पास करवाया गया। चाहे आजादी की लड़ाई हो या पंजाबी सूबा बनाने की। पंजाब के पानी की लड़ाई हो या दिल्ली सिख दुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की स्थापना की। शिरोमणि अकाली दल के पांव कभी डगमगाए नहीं।
पंजाब पूरे देश में एक मात्र एसा राज्य है जिसका बंटवारा भाषा के आधार पर हुआ। राजसी तौर पर जीवित रहने के लिए अकाली दल ने आंदोलन किया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अंततः अकालियों के आंदोलन के आगे झुकना पड़ा। 1966 में पंजाब का विभाजन हुआ। तब से लेकर आज तक अकाली दल में कई बार विभाजन का दौर देखा कई बार अकाली दल टूटा, लेकिन अकाली दल में कभी भी विश्वास का संकट नहीं उत्पन्न हुआ। अक्टूबर 2015 में पंजाब में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद अकाली दल पर अविश्वास के बादल मंडराने लगे। बेअदबी कांड के बाद पंथक वोट बैंक में अविश्वास का घुन लग गया। पंथक वोट बैंक को बचाए रखने के अकाली दल के सारे प्रयास व्यर्थ साबित हुए। 2017 के विधानसभा चुनाव में अकाली दल हाशिये पर आ गई। चुनाव में अकाली दल को मात्र 15 सीटें ही मिली। किसी भी पार्टी के लिए 100 साल पूरा होना बड़े फख्र की बात होती है, लेकिन अकाली दल 100 साल पूरा होने पर जश्न नहीं मना सकी। पंथ के बाद किसान वोट बैंक अकाली दल से खिसक रहा था। किसान दिल्ली में तीन कृषि सुधार बिलों को रद करवाने के लिए धरना लगाकर बैठे हुए है। ऐसे में अकाली दल 14 दिसंबर को अपने 100 वर्ष पूरे होने के समारोह को नहीं मनाया।
राजनीतिक रूप से अकाली दल के सामने वर्तमान स्थिति सबसे बड़ा संकट भरा है। एक तरफ पंथक वोट बैंक उनसे खिसक रहा है। वहीं, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि सुधार बिलों का समर्थन करने के कारण किसान अकाली दल से नाराज हो गए, जबकि किसान कभी अकाली दल के कट्टर समर्थक माने जाते थे। किसान वोट को बचाने के लिए अकाली दल ने केंद्र में अपनी कैबिनेट की कुर्सी छोड़ दी। 24 साल पुराना भाजपा से नाता तोड़ लिया। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पद्म विभूषण का पुरस्कार वापस करने की घोषणा कर दी। इस सबके बावजूद किसान पुनः अकाली दल पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।
Have something to say? Post your comment
 
More Punjab News
अल्प संख्यक आयोग के सदस्य डॉ सलिल जैन ने चेयरमैन प्रो.इमैनुअल नाहर को कैबिनेट मंत्री का रैंक मिलने पर बधाई दी*
अडिश्नल डिप्टी कमिशनर कोमल मित्तल को मरीजों के लिए रिफ्रेशमेंट के एक हजार बॉक्स हैंडओवर किए गए। जीरकपुर पुलिस ने 3 ट्रेवल एजेंट, 2 स्टेबाज, और नाजायज शराब के साथ एक गिरफ्तार* सीधी जंग के मूड में अमरिंदर सिंह क्या कहा
वैक्सीनेशन कैंप नगर पालिका प्रधान, जीरकपुर के नेतृत्व में
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने बगावती सुर क्योंकि सिद्धू पर ऐसी टिप्पणी पढ़िए पूरी खबर किसान आयोग के चेयरमैन और जाखड़ के भतीजे अजयवीर ने भी दिया इस्तीफा आखिर क्या कारण बना पढ़िए पूरी खबर
80 निरंकारी श्रद्धालुओं ने किया रक्तदान
अमित कुंडू को आज युवा मोर्चा जीरकपुर का युवा अध्यक्ष नियुक्त किया
नहीं सुधर रहा पाक....तरनतारन भारत-पाक सीमा पर दो पाक ड्रोन घुसे...50 के करीब गोलियां चली फिर आगे क्या हुआ पढ़िए पूरी खबर