पंचकुला, 6 दिसंबर- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- केंद्रीय सामाजिक न्याय व जल शक्ति राज्यमंत्री श्री रतनलाल कटारिया ने सेक्टर 12 अम्बेडकर भवन में बाबा साहब अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर बोलते हुए कहा की बाबा साहब का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है l बड़ौदा के नरेश के द्वारा प्राप्त फैलोशिप से उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई पूरी कर बड़ौदा के नरेश के दरबार में सैनिक अधिकारी तथा वित्तीय सलाहकार की नौकरी करना स्वीकार किया l
बाबा साहब ने बीए, एम ए, एमएससी, पीएचडी, बैरिस्टर, डीएससी, डी लिट आदि 26 उपाधि प्राप्त की l
65 वर्षों के अपने जीवन काल में उन्होंने सामाजिक व धार्मिक अनेक प्रकार के कार्यों में अपना योगदान दिया उन्होंने दलितों एवं दलित आदिवासियों के मंदिर प्रवेश, पीने के पानी, छुआछूत, जाती पाती, ऊंच-नीच जैसी सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए मनुस्मृति दहन 1927, महाड सत्याग्रह 1928, नासिक सत्याग्रह 1930, येवला की गर्जना 1935 जैसे अनेक आंदोलन चलाए, उन्होंने बेजुबान शोषित और अशिक्षित लोगों को जगाने के लिए 1927 से 1956 के दौरान अनेक साप्ताहिक व पाक्षिक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया l
उन्होंने 14 अक्टूबर 1956 को 500000 लोगों के साथ नागपुर में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली व बौद्ध धर्म को पुन स्थापित करने के लिए अपना शेष जीवन लगाया l
कटारिया जी ने कहा कि बाबा साहब जी ने औद्योगिक विकास, जल संचय, सिंचाई, श्रमिक सुधार, कृषक उत्पादकता और कृषकों की आय बढ़ाने के लिए अनेक सामूहिक प्रयास किए तथा महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दिया l बाबा साहब किसी एक जाति विशेष के मसीहा नहीं बल्कि भारतवर्ष के प्रत्येक जाति वर्ग व समस्त देशवासियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत रहे हैं l कटारिया जी ने कहा कि उनके रास्ते पर चलना ही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि हैl
कार्यक्रम में लहरी सिंह जी Ex-MLA, धनपत जी आईएएस ऑफिसर, केएस भूरिया रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर, श्रीमती बंतो कटारिया प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा उपस्थित रहे, इसके साथ डॉ. बी आर अंबेडकर महासभा पंचकूला, श्री गुरु रविदास सभा पंचकूला, बाबा मानवता मेशन पंचकूला के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे l