मोहाली, 30 अगस्त :- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- ‘‘कोविड विस्फोट के कारण अस्पतालों में लंबी कतारें लगी हुई हैं, और रोगियों को उनके इलाज के लिए पर्याप्त बेड नहीं मिल रहे हैं। इसलिए सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार,कोविड संक्रमित मरीज घर पर ही अपना इलाज करा सकते हैं। ’’
डॉ सचिन वर्मा, आईवी अस्पताल, मोहाली में डायबिटीज व इन्फि़क्शस डिज़ीज़ के एक्सपर्ट ने रविवार को बताया कि हल्के लक्षण या लक्षणविहीन रोगी होम आइसोलेशन के लिए योग्य माने जा सकते है। उनके पास सभी आवश्यक सुविधाएं होनी चाहिए, जिसमें दूसरों से दूर एक अच्छी तरह से हवादार कमरा और केयरगिवर की उपलब्धता शामिल है।
डॉ सचिन जो पिछले कुछ महीनों से आईवी अस्पताल, मोहाली मे कोविड रोगियों का इलाज कर रहे हैं ने बताया, 60 वर्ष की आयु से ऊपर के उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय व फेफड़े रोग, गुर्दे की बीमारी और सेरेब्रोवास्कुलर आदि के रोगियों को चिकित्सा अधिकारी की सिफारिश और उचित मूल्यांकन के बाद होम आइसोलेशन के लिए अनुमति दी जाती चाहिए।
डॉ सचिन ने स्पष्ट किया कि एचआईवी, ट्रैन्स्प्लान्ट रसिपीअन्ट व कैंसर थेरेपी आदि बीमारी से पीडि़त मरीज होम आइसोलेशन के योग्य नहीं हैं।
प्रोटोकॉल के अनुसार और जैसा कि चिकित्सा अधिकारी देखभाल करने वाले द्वारा निर्धारित किया गया है, और सभी करीबी संपर्कों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफिलैक्सिस का उपभोग करना चाहिए। उनके पास मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड होना चाहिए और उन्हें नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी चाहिए और जिला निगरानी अधिकारी को स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी देनी चाहिए, उन्होंने बताया।
डॉ सचिन ने कोविड के इलाज के लिए होम क्वारंटाइन के लिए मरीजों के निर्देशों के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें हर समय ट्रिपल-लेयर मेडिकल मास्क पहनना चाहिए। 8 घंटा उपयोग के बाद या इससे पहले यदि वे गीले या गंदे हो जाते हैं तो मास्क को 1 प्रतिशत सोडियम हाइपो-क्लोराइट के साथ कीटाणुरहित करने के बाद त्याग दें।
पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीने से पर्याप्त हाइड्रेशन का ध्यान रखना चाहिए। रोगी को आराम करना चाहिए। हाथों को कम से कम 40 सेकंड तक साबुन और पानी से या अल्कोहल आधारित सैनिटाइजऱ से धोना चाहिए।
व्यक्तिगत वस्तुओं को अन्य लोगों के साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए। कमरे को 1 प्रतिशत हाइपोक्लोराइट घोल से साफ करना चाहिए।
चिकित्सक के निर्देशों और दवा की सलाह को रोगी द्वारा सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। रोगी को अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करनी चाहिए और लक्षण बिगडऩे पर तुरंत चिकित्सक को रिपोर्ट करना चाहिए।
देखभाल करने वालों के लिए निर्देश पर विस्तार से बताते हुए, डॉ सचिन ने कहा कि रोगी को संभालते हुए ट्रिपल-लेयर मेडिकल मास्क और डिस्पोजेबल दस्ताने का उपयोग करें।
बीमार व्यक्ति या उसके तात्कालिक वातावरण के संपर्क के बाद हाथ की स्वच्छता सुनिश्चित की जानी चाहिए। दस्ताने हटाने से पहले और बाद में हाथ की सफाई का अभ्यास भी उतना ही महत्वपूर्ण है। मौखिक व सीधे संपर्क से बचें। सिगरेट, बर्तन, व्यंजन, पेय, इस्तेमाल किए गए तौलिये, या बिस्तर लिनन साझा करने से बचें।
रोगी को उसके कमरे में भोजन परोसा जाना चाहिए। रोगी द्वारा उपयोग किए जाने वाले बर्तन और बर्तन को साबुन या डिटर्जेंट और दस्ताने पहने पानी से साफ किया जाना चाहिए। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार कचरे का निपटान किया जाना चाहिए।
डॉ सचिन ने कहा कि अगर इन चेतावनी संकेतों या लक्षणों का पता लग जाए, तो तत्काल छोड़ अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए
क सांस लेने में कठिनाई
क होंठों व चेहरे के नीले रंग का विकास
क ऑक्सीजन की कमी
क सीने में लगातार दर्द व दबाव
क मानसिक भ्रम या उत्तेजना में असमर्थता
क अस्पष्ट (लडख़ड़ाते हुए) बोलना/सीजऱ
क किसी अंग या चेहरे में कमजोरी या सुन्नता
डॉ सचिन ने होम आइसोलेशन पीरियड पूरा होने के बारे में बात करते हुए कहा कि मरीज को लक्षण शुरू होने के 10 दिनों के बाद और 3 दिन तक बुखार नहीं रहेगा तो छुट्टी मिल जाएगी। इसके अलावा रोगी को घर पर और 7 दिनों के लिए स्व-निगरानी स्वास्थ्य की सलाह दी जाएगी। होम आइसोलेशन की अवधि समाप्त होने के बाद परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है।