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राइस महीनें में शनि राहु और केतु को छोड़, "छः ग्रहों" का राशि परिवर्तन क्या करेगा?

November 03, 2019 08:27 PM
राइस महीनें में शनि राहु और केतु को छोड़,
"छः ग्रहों" का राशि परिवर्तन क्या करेगा?
इस माह होगा 5 मुख्य ग्रहों का स्थान परिवर्तन क्या लेकर आ रहा है हमारे और देश के लिये। जाने खास  प्रस्तुति पंडित कृष्ण मेहता से----
नवंबर माह ने दस्तक दे दी है। ऐसे में इस माह का विश्लेषण कहता है कि ये महीना खास कुछ राशियों के जातकों के लिए बेहद अहम रहने वाला है। इन राशियों को इस माह कई बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद है क्योंकि इस माह 5 मुख्य ग्रहों का गोचर होने से इन राशियों पर इसका बेहद शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा। इस माह कई सुन्दर योग का निर्माण भी होने वाला है। वहीं ज्योतिषीय नज़रिये से देखें तो उसके अनुसार भी ये माह बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है, क्योंकि नवंबर के महीने में कई बड़े पर्व पड़ रहे हैं। नवंबर माह में प्रकृति में कई तरह के परिवर्तन भी नज़र आने वाले हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन में ग्रहों और नक्षत्रों की चाल का व्यापक असर होता है। सभी ग्रह इस ब्रह्राण्ड में अपनी धुरी में चक्कर काटते हैं। सभी ग्रह एक निश्चित अवधि पर एक राशि से दूसरी राशि में जाते रहते हैं। इन ग्रहों के राशि परिवर्तन से किसी को शुभ तो किसी को अशुभ परिणाम की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं नवंबर के महीने में किन-किन ग्रहों का राशि परिवर्तन कब होगा और कौन सी राशियां इस महीने में भाग्यशाली रहेंगी,
ग्रहों का क्या होगा बड़ा फेर बदल जाने पंडित कृष्ण मेहता से----
राशियों की बात करें तो वहीं गुरु बृहस्पति भी इस माह वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस माह धनु राशि में शुक्र ग्रह का प्रभाव देखने को मिलेगा, जिस कारण इस राशि के जातक अपने सभी प्रकार के भौतिक सुखों का आनंद उठा पाएंगे। यह स्थिति धनु राशि के जातको के लिए बेहद अहम साबित होगी। नवंबर माह का दूसरा मुख्य परिवर्तन मंगल के तुला राशि को प्रभावित करने के साथ ही आरंभ होगा, जिसके साथ ही इस राशि के जातकों के लिए भी इस माह कई तरह के बदलाव आने वाले हैं। इसके साथ ही जहाँ सूर्य देव वृश्चिक राशि में अपना स्थान परिवर्तन करे। इसके अलावा वक्री बुध देव भी वृश्चिक राशि से तुला राशि में गोचर करेंगे। 
नवंबर हिन्दू कैलेंडर में पड़ने वाले पर्व :
धार्मिक दृष्टि से इस माह की शुरुआत में शनिवार, 2 नवंबर को छठ पूजा उत्सव मुख्य रहा।8 नवंबर शुक्रवार को देवुत्थान एकादशी, 9 नवंबर, शनिवार को प्रदोष व्रत (शुक्ल), 12 नवंबर, मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा व्रत, 16 नवंबर, शनिवार को संकष्टी चतुर्थी, 17 नवंबर, रविवार को वृश्चिक संक्रांति, 22 नवंबर, शुक्रवार को उत्पन्ना एकादशी, 24 नवंबर, रविवार को प्रदोष व्रत (कृष्ण), 25 नवंबर, सोमवार को मासिक शिवरात्रि और 26 नवंबर, मंगलवार को मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त इस माह कई अन्य शुभ और सिद्ध योग व मुहूर्त का निर्माण भी होगा। ऐसे में इन दिनों व्रत-दान-पुण्य में लोगों का रुझान बरकरार रहेगा। 
नवंबर माह की गोचरीय स्थिति से संचार माध्यम होंगे प्रभावित ।शुरूआती समय में ही मंगल और वक्री बुध के एक ही राशि तुला में आने से देश भर में संचार माध्यमों का अधिक दुरुपयोग होगा। जिससे देश की छवि को भी नुक्सान पहुंच सकता है। इस गोचर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का लोग अपने फ़ायदे के लिए गलत प्रयोग करेंगे, जिससे तनाव की स्थितियाँ भी बीच-बीच में उभर सकती हैं। इसके साथ ही त्वचा संबंधी रोग भी इस समय लोगों को परेशान करेंगे।
देश के लिए कैसा रहने वाला है ये माह :
इस माह देश की विदेश नीतियों में बड़े परिवर्तन साफ़ देखने को मिलेंगे, लेकिन ये परिवर्तन बेहद सकारात्मक होंगे जिससे विश्व में भारत का स्थान भी मजबूत होगा। 
किन क्षेत्रों के लिए प्रभावी होगा नवंबर का महीना 
इस माह बृहस्पति और शुक्र के धनु राशि में एक साथ युति करने से उच्च पद के अधिकारियों के बीच जवाबी जंग बढ़ेगी। राजनीतिक हस्तियों में इस दौरान मतभेद की स्थिति बनी रहेगी। कई छोटे-बड़े क़ानूनी मामलों में कई बदलाव आएँगे जिसमें कोई बड़ा फैसला भी आने की उम्मीद होगी। 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन में ग्रहों और नक्षत्रों की चाल का व्यापक असर होता है। सभी ग्रह इस ब्रह्राण्ड में अपनी धुरी में चक्कर काटते हैं। सभी ग्रह एक निश्चित अवधि पर एक राशि से दूसरी राशि में जाते रहते हैं। इन ग्रहों के राशि परिवर्तन से किसी को शुभ तो किसी को अशुभ परिणाम की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं नवंबर के महीने में किन-किन ग्रहों का राशि परिवर्तन कब होगा और कौन सी राशियां इस महीने में भाग्यशाली रहेंगी,
सूर्य- 17 नवंबर को सूर्य तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा।सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना गया है। सूर्य 30 दिनों में एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं। ज्योतिष में सूर्य को हमेशा सीधी चाल चलने वाला ग्रह माना जाता है।
चंद्रमा- चंद्रमा का राशि परिवर्तन हर ढाई दिन में होता है। सभी ग्रहों में चंद्रमा ही एक ऐसा ग्रह है जो सबसे तेज गति से राशि परिवर्तन करता है।
मंगल – मंगल का राशि परिवर्तन ज्योतिष शास्त्र में बहुत मायने रखता है। मंगल के एक राशि से दूसरी राशि में जाने से सभी 12 राशियों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है। मंगल 10 नवंबर को कन्या से तुला राशि में प्रवेश करेगा।
बुध- 7 नवंबर को बुध वृश्चिक राशि को छोड़कर तुला राशि में प्रवेश करेगा। कुंडली में बुद्ध ग्रह के मजबूत होने पर जातक विद्वान होता है और उसकी तर्क क्षमता मजबूत रहती है।
गुरु- गुरु का राशि परिवर्तन 5 नवंबर को वृश्चिक से धनु राशि में होगा। देवगुरु बृहस्पति लगभग 12 वर्षों बाद पुनः 05 नवंबर की सुबह 03  बजकर 00 मिनट पर अपनी राशि धनु में प्रवेश कर रहे हैं। ये एक सदी में लगभग आठ बार धनु राशि की परिक्रमा करते हैं। गुरु के धनु राशि में गोचर करने से ‘हंस’ योग बनता है।
शुक्र- 21 नवंबर को शुक्र वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेगा। जीवन में ऐशो आराम और सुख-समृद्धि शुक्र के शुभ प्रभाव से ही आती है।
शनि- धनु राशि में मार्गी- शनि ढाई साल में अपनी राशि बदलते हैं। शनि की ढ़ैय्या हो या साढ़ेसाती जातक के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अगले साल जनवरी 2020 में शनि का राशि परिवर्तन होगा।
राहु-केतु- इस महीने में राहु-केतु में कोई परिवर्तन नहीं होगा। राहु को अनैतिक कृत्यों का कारक भी माना जाता है। शनि के बाद राहु-केतु ऐसा ग्रह है जो एक राशि में लंबे समय तक रहता है। राहु को शनि से भी अधिक अशुभ परिणाम देने वाला ग्रह माना जाता है। दोनों ग्रह हमेशा वक्री अवस्था में रहते हैं। पूरे माह राहु मिथुन में और केतु धनु में रहेगा।
 
 
 
 
 
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