रोपड़- अग्रजन पत्रिका से इंद्रा गुप्ता- दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 2 जून से 8 जून तक लहरी शाह धर्मशाला रोपड़ में 7 दिवसीय श्री मद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। चतुर्थ दिवस में कथा के चतुर्थ दिवस श्री जे.के. जग्गी (डायरेक्टर सतलुज पब्लिक स्कूल) अपनी धर्मपत्नी सहित, श्री हरमनदीप सिंह (स्काईहाई आइलेट्स इस्टीट्यूट) अपनी धर्मपत्नी श्रीमति जमनीश एवं अपनी बहन जसप्रीत कौर सहित, श्री राजेश मिगलानी अपनी धर्मपत्नी श्रीमति रचना मिगलानी एवं अपने सपुत्र श्री रोहन मिगलानी ने यजमान के तोर पर विधिवत पूजन किया।
चतुर्थ दिवस कथा का शुभारंभ श्री के.पी. राणा (स्पीकर, विधानसभा पंजाब), डॉक्टर आर. एस. परमार (समाज सेवी), श्री सुनील जी (एम.डी. रोस वाइडस), डॉक्टर गुरमिंदर पाल सिंह बिल्ला (चेयरमैन, ओबीसी डिपार्टमेंट), श्री पोमी सोनी (एम.सी.) एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमति किरण सोनी, संस्थान की ओर से स्वामी गुरुकृपानन्द जी एवं स्वामी सतबीरानन्द जी ने प्रभु की पावन ज्योति को प्रज्वलित कर के किया। कथा में संस्थान के संचालक एवं संस्थापक श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या विश्व विख्यात भागवत भास्कराचार्य विदुषी साध्वी भाग्यश्री भारती जी ने प्रभु के अवतारवाद के विषय में बताते हुए कहा कि प्रभु धर्म की रक्षा हेतु ,भक्तों का कल्याण करने तथा दुष्टों को तारने हर युग में अवतार लेते हैं। द्वापर में कंस के अत्याचार को समाप्त करने के लिए प्रभु धरती पर आए। उन्होंने गोकुल वासियों के जीवन को उत्सव बनाया। कथा में श्री जन्मोतस्व बहुत धूम धाम से मनाया गया। पंडाल में उपस्थित सभी प्रभु भक्तों ने झूम-झूम कर माहौल कृष्णमय बना दिया। कथा में नन्द महोत्सव भी मनाया गया। साध्वी और स्वामीजनों ने मिलकर प्रभु के आने की खुशी में बधावा गाया।
साध्वी जी ने बताया जब वसुदेव भगवान को टोकरी में डाल कर गोकुल लेकर गये तो इस लीला से प्रभु हमें संदेश देते हैं कि जिस प्रकार जब वसुदेव ने मुझे सर पर धारण किया तो उनके हाथ-पैरों की बेडिय़ा टूट गई, इसी प्रकार जो मुझे जीवन में प्रथम स्थान पर रखता है, मै उसके लिए आत्मजागृति के द्वार खोल देता हूं। आगे साध्वी जी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण जी ने विभिन्न प्रकार की लीलाएँ की। उन्होंने माखन चुराया तो भक्तों ने माखन चोर कह दिया। माखन चोरी की लीला से उन्होंने भक्तों के भावों को ग्रहण किया। उनके भीतर उपजी हीनता की भावना का अंत किया। साध्वी जी ने कहा इस लीला का भावार्थ यही है कि प्रभु हमारे भीतर विराजमान हैं। आवश्यकता एक पूर्ण गुरु की है जो मानव शरीर में ही प्रभु दर्शन करा दे। चतुर्थ दिवस कथा को विराम प्रभु की पावन आरती द्वारा दिया गया। प्रभु की पावन आरती में श्री कृष्ण कुमार (नैना देवी धर्मशाला), श्रीमति किरण सिंह किट्टी (प्रधान, लहरी शाह मन्दिर महिला मंडल), श्री सुभाष मित्तल (गणेश पेपर्स) श्री रमेश मित्तल (मिताशो होटल), श्री पवन कुमार विग, रंजीत एवेन्यू सेवा समिति के सभी सदस्य, शिव ज्योति महिला मंडल के सभी सदस्य एवं शिव शक्ति प्रभात फेरी के सभी सदस्य सम्मिलित हुए।