दक्षिणी अमेरिका महाद्वीप के वेनेज़ुएला में राजनीतिक और आर्थिक संकट गहरा गया है, जिसने भारत की चिंता बढ़ गई है. भारत वहां के राजनीतिक हालात पर नजर बनाए हुए है. वेनेजुएला की नेशनल असेंबली के नए स्पीकर जुआन गुआइदो ने खुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित किया है, जिनको अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन प्राप्त है. वहीं, वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को सेना का समर्थन प्राप्त है. उनका यह दूसरा कार्यकाल है, जो 6 साल तक चलेगा.
बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने विपक्षी नेता गुआइदो का समर्थन करते हुए कहा कि वो वेनेजुएला की नेशनल असेंबली के नए स्पीकर जुआन गुआइदो को वेनेजुएला के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दे रहे हैं. विपक्षी नेता को समर्थन देने वाले ट्रंप के इस कदम को वामपंथी नेता और राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बनाने के मकसद के रूप में देखा जा रहा है. इसके जवाब में वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो ने अमेरिका से राजनयिक संबंध खत्म करने का ऐलान कर दिया है.
इसके बाद अमेरिका ने वेनेजुएला के ऑयल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भी संकेत दिए हैं. अमेरिका ने कहा कि निकोलस मादुरो ने राजनयिक संबंध तोड़ दिया है, तो उसको (अमेरिका को) उस पर प्रतिबंध का लगाने का अधिकार मिल गया है. अमेरिका वेनेजुएला का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर रहा है, लेकिन अब रिश्ते बेहदह मुश्किल दौर में पहुंच गए हैं. वहीं, रूस ने अमेरिका को चेताया है कि वो वेनेजुएला में दखल न दे. इसके अलावा चीन और तुर्की समेत अन्य देशों ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का समर्थन किया है.