सफीदों, (सतीश मंगला): नगर के खानसर चौंक पर निर्माणाधीन मुख्य स्वागत द्वार के गिर जाने के मामले मे जांच कमेटी की रिपोर्ट पर उत्तरदायी कर्मियों पर कार्रवाई नहीं की गई है। शहरी स्थानीय निकाय मुख्यालय ने मुख्यालय के कार्यकारी अभियंता रणवीर सिंह को इसकी जांच सोंपी थी। कई माह तक मामले से संबन्धित दस्तावेजात जुटाते रहे बताए गए रणवीर सिंह से अब यह मामला वापस ले लिया गया है। रणवीर सिंह ने फोन पर बताया कि अब उनकी बजाय सफीदों के एसडीएम इसमे कार्रवाई करेंगे। फिलहाल एसडीएम डा. आनंद कुमार शर्मा छुट्टी पर चल रहे हैं। उधर इस मामले के शिकायतकत्र्ता प्रदीप गर्ग ने बताया कि पिछले दो माह से उसके पास जांच या कार्रवाई संबन्धी कोई सूचना नही है। उसे यह भी पता नही कि मामले की फाईल एसडीएम को कार्रवाई के लिए भेजी गई है। प्रदीप का कहना था कि मामले को रफादफा करने की साजिश रची जा रही है लेकिन ऐसा हुआ तो वह कार्रवाई की याचिका अदालत मे दायर करेगा। बता दें कि नगरपालिका ने यहां पानीपत-हिसार स्टेट हाईवे पर पिछले वर्ष नगर के इस स्वागत द्वार के साथ-साथ ऐसे ही दो स्वागत द्वारा पुरानी अनाज मण्डी के गेट बनाने का ठेका दिया गया था। ठेकेदार ने ये निर्माण राजस्थान के किसी कारीगर से कराए जिनमे स्टेट हाईवे का निर्माणाधीन द्वार गिर गियाया था और यह संयोग ही रहा कि इसके गिरने के समय कोई इसके नीचे नही था। कारीगर ने बताया कि इन तीनों स्वागत द्वारों के निर्माण का काम उसने ठेकेदार से 6 लाख रूपए प्रति गेट मे लिया था। गेट गिरने पर यहां के एसडीएम ने इसकी जांच को तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था और जांच की रिपोर्ट एसडीएम को सोंपी गई जिसमे पालिका के कई कर्मियों को इसके लिए जि मेदार करार देते हुए कहा गया था कि स्वागत द्वार का बीम नही लगाया गया इसलिए यह गिर गया था। समिति के सदस्य पंचायतीराज विभाग के तत्कालीन स्थानीय एसडीओ कृष्ण पाटिल का कहना है कि एसडीएम को सोंपी रिपोर्ट मे उन्होने पालिका प्रशाासन के कर्मियों को नामित करते हुए उन पर कार्रवाई किए जाने की सिफारिश की थी। इधर जनहित की कई मुद्दों को लेकर आमरण अनशन कर चुके भाजपा के जिला कार्यकारिणी सदस्य रामदास प्रजापत ने आज कहा कि यदि इस मामले मे शिघ्र सही कार्रवाई नही की गई तो वह इस मुद्दे पर अनशन करने को विवश होंगे क्योंकि भ्रष्टाचार के ऐसे खुले मामलों को यदि दबाया गया तो इसमे सरकार की बदनामी होगी।