पंचकूला--- सत्यनारायण गुप्ता-एक्शन रिसर्च ग्रुप (MARG) प्राथमिक हितधारकों के साथ "जेंडर संवेदनशील पुरुष न्याय साथी के माध्यम से घरेलू हिंसा का मुकाबला करके महिलाओं के जीवन के अधिकार और जेंडर समानता को बढ़ावा देने" पर राज्य स्तरीय कंसल्टेशन का आयोजन रेड बिशप , सेक्टर -1 में किया गया।
यह प्रोजेक्ट मार्ग संस्था द्वारा हरियाणा में जर्मनी के संघीय गणराज्य, नई दिल्ली के दूतावास के साथ सहयोग से चलाया जा रहा है। कार्यक्रम की शुरआत प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटर द्वारा विभिन्न विभागों से उपस्थित ऑफिसर्स का समता न्याय सेभगियों से प्लांट देकर जोरदार स्वागत के साथ की गयी। कार्यकर्म की अध्यक्षता करते हुए मार्ग संस्था के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मोहम्मद नूर आलम खान ने प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय संविधान महिलाओं और पुरुष अधिकारों को बढ़ावा देता है और उनकी रक्षा करता है और समानता जैसे मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है; अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने और घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने और जेंडर समानता को बढ़ावा देने के लिए भारत जैसे विविध देश में सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक स्थिति एक बड़ी चुनौती है। सम्मान के साथ जीने का अधिकार मानव अधिकार का आधार है। अगर कोई महिला जा पुरष घरेलू हिंसा या जेंडर भेदभाव का सामना कर रहा है तो यह न केवल उसके सुरक्षा के अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि उसकी गरिमा के भी खिलाफ है। घरेलू हिंसा के संदर्भ में, महामारी लॉकडाउन आपदा/संकट की स्थिति में एक महिला और पुरुष का जीवन कितना असुरक्षित हो सकता है, यह इस दौरान स्पष्ट रूप से दिखाई देता है प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर पंखुरी गुप्ता ने मार्ग द्वारा किये गए कार्यो की एक प्रेजेंटेशन दिखाई जिसमे बताया कि यह पहल चार राज्यों, केरल (वायनाड), बिहार (बेगूसराय), ओडिशा (कटक), और हरियाणा (करनाल) में की जा रही है। इसका उद्देश्य जेंडर समानता, घरेलू हिंसा, भेदभाव को बढ़ावा देने में महिलाओं और पुरुष के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करना और घरेलू हिंसा से निपटने के लिए लैंगिक संवेदनशील पुरुषों और महिला को एक भागीदार के रूप में शामिल करना है।
जेंडर संवेदनशील 100 पुरुषों की क्षमता को मजबूत करना, बढ़ाना और निर्माण करना समता न्याय सहभागी कहलाता है, जिसका अर्थ है समानता न्याय साथी जो समाज की मानसिकता में बदलाव ला रहा है,
जेंडर समानता के नजरिए से महिलाओं और पुरुषों के प्रति व्यवहार में बदलाव को बढ़ावा देने के लिए पुरुषों और महिलाओं को संवेदनशील बनाना आदर्श वाक्य है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन प्रीती भारद्धाज दलाल ने मार्ग द्वारा की गयी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि
पुरुषों और महिलाओं को उनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी को समझने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाएं जेंडर आधारित हिंसा के डर से मुक्त होंगी और सम्मान का जीवन जीएंगी। उन्हें यह देखने के लिए भी प्रेरित किया गया कि उनके मर्दाना विशेषाधिकारों को पूर्ववत करके उनके जीवन में कैसे सुधार होगा, जिससे स्वस्थ रिश्ते और अधिक गहराई से समृद्ध पारिवारिक जीवन और अंततः, सामाजिक बंधुत्व होगा।
डॉ प्रतिभा सिंह मेंबर हरियाणा राज्य बाल अधिकार सरक्षण आयोग ने कहा कि हमें अपनी इस पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ साथ आध्यात्मिक रास्ते की तरफ भी अग्रसर करने की जरूरत है। महिलाओ या लड़कियों को किसी न किसी गतिविधि में व्यस्त रखना चाहिए ताकि बच्चो के मन में गलत विचार न आये। और उनकी एनर्जी अच्छे कार्यो में लगे।
करनाल जिले की प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता ने चार प्रकार की घरेलू हिंसा बारे जानकारी दी और इस प्रोजेक्ट में अपना पूरा सहयोग देने बारे कहा। कार्यक्रम में AHTU सेल क्राइम ब्रांच पंचकूला से ए.एस. आई राजेश कुमार , महिला एवं बाल विकास विभाग पंचकूला स्टाफ , काउंसलर बाल भवन करनाल, सेण्टर अडमिंस्ट्रेटर वन स्टॉप सेंटर, अधिवक्ता प्रोमिला जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आदि ने महिलयों और बच्चो पर घरो में हो रहे हिंसा पर आपने अपने विचार और अनुभव साँझा किये।
कार्यक्रम में कर्नल जिले की २५ पंचयतो से चुने गए समता न्याय सहभागी अनिल कुमार सुल्तानपुर,अजय शंकर तिवारी रायपुर रोरन हैप्पी दरड़ , रजत संगोही , नवनीत भादसोँ, शीशपाल खेड़ी जट्टां, कंवरभान गाँधी नगर, रामेश्वर दास कुरक जागीर, रामपाल सैदपुरा , अनिल श्यामगढ़, राहुल चन्द्रव बुर्ज , बलिंदर लक्सोरा, अजय रायपुर रोरन, अजय शेरगढ़, गुलाब पीर बड़ोली आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।