पिंजौर( हरभजन)। किसी भी दफ्तर का प्रोसिडिंग रजिस्टर उसकी जान व दिल माना जाता है जिसमे सभी बैठकों की कार्यवाही का रिकार्ड होता है और जब बात शहरी स्थानीय निकाय विभाग की नगर कमेटी,काउंसिल या निगम की आए तो उसमें विकास कार्यो के प्रस्तावों की कापी प्रमुख रूप से रिकार्ड रहती है जबकि अब नगर पालिका पिंजोर जिसका गठन 1996 में हुआ था उसका प्रोसिडिंग रजिस्टर ही 2007 से गायब है जिसने एक बार फिर करोड़ो के घोटाले की आशंका को जीवित किया है।यह कहना राज्य सरकार में चेयरमेन रह चुके व कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता विजय बंसल एडवोकेट का है।
-- आरटीआई में मिला जवाब,किसी अधिकारी ने गायब होने के कारण नही लगाए पता...
दरअसल दीपांशु बंसल ने आरटीआई के तहत नगर पालिका पिंजोर के प्रोसिडिंग रजिस्टर की कापी मांगी थी जिसपर कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद कालका ने जवाब दिया है कि प्रोसिडिंग रजिस्टर तो 2007 से ही गायब है।विजय बंसल ने कहा कि बड़े हैरानी की बात है कि प्रोसिडिंग रजिस्टर गायब है और अधिकारियो को इस बात से कोई सरोकार ही नही है कि आखिर रजिस्टर कहा गया।
-- प्रोसिडिंग रजिस्टर गायब होने से बड़े घोटाले की आशंका,यह भी सम्भव पुलिस को पत्र गया ही न हो....
विजय बंसल ने यह भी कहा है कि अब जब प्रोसिडिंग रजिस्टर गायब है तो इस बात ने अनेको सवाल खड़े करते हुए एक बड़े घोटाले की तरफ इशारा किया है।तत्कालीन अधिकारियों द्वारा केवल मात्र 22 अक्टूबर 2007 को पुलिस अधिकारियों को एक पत्र भेजकर खानापूर्ति कर ली गई जबकि एक कार्यालय के प्रोसिडिंग रजिस्टर के गायब होने के कारणों की न तो जांच की गई व न ही गायब करने वालो का पता लग सका।विजय बंसल का कहना है कि इस बात में कोई संदेह नही हो सकता कि यह पत्र आगे पुलिस अधिकारियों को भेजा भी गया हो या नही,क्योंकि यदि पत्र जाता तो कार्यवाही होती जोकि नही हुई।विजय बंसल का कहना है कि उन्हें आशंका है कि इलाके के कुछ प्रभावशाली लोग व तत्कालीन कमेटी के अधिकारी इस घोटाले में बड़े स्तर पर संलिप्त है।अब इस मामले के हर बिंदु को देखा जाएगा जिससे घोटाले में लिप्त लोगो पर कार्यवाही की जा सके।
-- निष्पक्ष जांच के लिए गृह मंत्री व डीजीपी विजिलेंस को भेजा पत्र..
विजय बंसल ने अब इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जहा तो एक तरफ हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज को पत्र भेजकर मामले की जांच करने के लिए आग्रह किया है वही दूसरी तरफ हरियाणा विजिलेंस विभाग के डीजीपी को भी एक पत्र भेज दिया है।इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि आगामी नगर परिषद कालका चुनावो में उन्हें बतौर अध्यक्ष निर्वाचीत होकर सेवा का मौका मिला तो इस बड़े घोटाले की सभी परतों को खोला जाएगा और किसी प्रकार से कोई घोटाला न हो इसके लिए भी सभी मापदण्ड अपनाए जाएंगे।