पंचकूला, 27 नवंबर- सत्यनारायण गुप्ता- स्वामी श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने सेक्टर-20 के संस्कृति माॅडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों को गीता के उपदेश को लेकर प्रवचन किया। इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने श्री ज्ञानानंद जी महाराज के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर संस्कृति माॅडल स्कूल के बच्चों ने स्वागत गान के रूप में मां सरस्वती का गुणगान किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री गुप्ता ने कहा कि उन्हें श्री ज्ञानानंद जी के प्रवचन सुनने का अवसर मिला, उसके लिये वे महाराज जी का आभार और अभिनंदन करते है। उन्होंने कहा कि गीता जीवन का सार हैं। इंसान कर्म करें व फल की इच्छा भगवान पर छोड़ दें। अच्छे कर्म का फल परमात्मा अच्छा ही देता है। उन्होंने कहा कि गीता का संदेश भारत में ही नहीं अपितु विदेशों में भी दिया जा रहा हैं, कुछ विदेशी लोग वृदावन में रहकर प्रतिदिन गीता के श्लोको का जाप कर रहे है और उपदेशों का पालन कर रहे है। उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार अपने परिवार से, उसके बाद स्कूल में अपने गुरु से प्राप्त होते है और बच्चों को जीवन में मेलजोल, भाईचारे और बिना ईष्र्या के कैसे जीना चाहिये, ये बातें भी अपने अध्यापकों से शिक्षा के रूप में मिलती है।
उन्होंने कहा कि महाराज श्री ज्ञानानंद ने बड़े सरल ढंग से गीता में लिखी शिक्षाओं को बच्चों को समझाया है कि हमें अपने अधिकारों और कत्र्तव्यों का किस तरह से पालन करना चाहिये। उन्होंने ये भी बड़े अच्छे ढंग से समझाया कि बच्चों को अपने जीवन में एक्टिव, अल्र्ट और अवेयर रहकर ही अपने जीवन रूपी सफर में सफल होकर राष्ट्र के निर्माण में सहयोग देें सकते है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर अधिकार और राष्ट्र के प्रति हमारे क्या कत्र्तव्य है, देश के लोगों को संदेश दिया था। हमें अपने अधिकार का प्रयोग करते हुये यह भी देखना होगा कि दूसरे के अधिकारो का हनन न हो और जीवन में अंहकार को त्यागकर शांति के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। श्री गुप्ता ने कहा कि हम सभी भाग्यशाली है जो हरियाणा जैसे प्रदेश में रह रहे है, जहां कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर हजारो साल पहले श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया और मोहमाया को छोड़कर अपना कत्र्तव्य का पालन करना सिखाया था। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल की साफ व सुथरे प्रांगण को देखकर उन्हें लग ही नहीं रहा कि वे सरकारी स्कूल में भाषण दें रहे है। उन्होंने स्कूल की प्रिंसीपल और स्टाफ को भी बधाई दी कि वे स्कूल में आने वाले गरीब व जरूरतमंद बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ साथ उनकी समय समय पर मदद कर बच्चो को आगे बढ़ने का अवसर व प्रेरणा प्रदान करते है।
श्री ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि कोरोना महामारी के लंबे अंतराल के बाद उनका किसी शिक्षा के मंदिर आना हुआ है और आज वे इस मंदिर में आकर प्रकृति की दिव्यता देखकर पुलकित महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा कि प्रकृति और संस्कृति दोनों का सम्मान होना चाहिये। कोविड काल ने हम सबको बहुत कुछ सिखाया है कि हम आरामदायक और बनावटी चीजें छोड़कर प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करें ताकि हम असली चीजों का प्रयोग करके अपनी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करें, जिसे कोरोना रूपी भयानक बीमारी का भी हम पर असर ना हो सके।
उन्होंने बच्चों को ध्यान से सुनने का संदेश देते हुये कहा कि हमें अपने नैतिक, सांस्कृतिक व मानवता के मूल्यों पर आधारित बातें सिखनी चाहिये। इससे हमें जीवन रूपी नैया को भवसागर से पार लेें जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमें शांति, ईमानदारी व त्याग की भावना से कार्य करना चाहिये और ऐसे ही संदेश का प्रचार प्रसार करना चाहिये। उन्होंने कहा कि दूसरों की गलती निकालने की बजाय हमें अपने आत्म चिंतन और मंथन कर अपने अंदर झांकने की जरूरत है ताकि हमारे अंदर बैठे विकार खत्म हो और अच्छी और सच्ची बातों का संचार हो सके।
इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी महासिंह, सेक्टर-6 के प्रिंसीपल रजनीश सचदेवा, शिवालिक विकास फाउंडेशन के सतपाल गुप्ता, श्री कृष्ण परिवार से संदीप चुघ, बीजेपी राष्ट्रीय महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष श्रीमती बंतो कटारिया, वरिष्ठ बीजेपी नेता श्यामलाल बंसल, संस्कृति माॅडल स्कूल सेक्टर-20 की प्रिंसीपल रेणू गुप्ता, नवदीप कौर, प्रीति मलिक, जयंत कुमार सहित स्कूल के अध्यापक व विद्यार्थी उपस्थित थे।