चंडीगढ़, 15 सितंबर- सत्यनारायण गुप्ता-हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि वर्ष 2016 में हरियाणा सरकार ने पिछड़ा वर्ग को मिले आरक्षण संबंधी संवैधानिक आधार को समाप्त करने के लिए जो अधिसूचना जारी की थी, उसके कारण 2018 में पिछड़ा वर्ग के अनेक योग्य बच्चे मेडिकल व अन्य संस्थानों में दाखिला लेने से वंचित रह गए थे। अब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग को उसका हक दिलवाते हुए सरकार की इस अधिसूचना को रद्द करते हुए नई अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए हैं। हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू करे और पिछड़ा वर्ग को उसका हक़ दे। इस संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र भी लिखा है।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार के इस फैसले से 2018 में पिछड़ा वर्ग के अनेक योग्य बच्चे मेडिकल व अन्य संस्थानों में दाखिला लेने से वंचित रह गए थे। सरकार ने बीसी क्रीमीलेयर हेतु कुल आय में कर्मचारियों की वेतन आय तथा कृषि आय को शामिल कर दिया था, जिससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का बच्चा भी आरक्षण से वंचित हो गया था। सरकार ने क्रीमीलेयर निर्धारण हेतु कुल आय सीमा 6 लाख को 0-3 लाख एवं 3-6 लाख में असंवैधानिक वर्गीकरण कर दिया था। अब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग को उसका हक दिलवाते हुए सरकार की इस अधिसूचना को रद्द करते हुए नई अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि पिछले तीन सालों से हरियाणा सरकार की इस अधिसूचना के कारण पिछड़ा वर्ग का आरक्षण लाभ लेने से वंचित बच्चों के साथ अन्याय हो रहा है और सरकार अब भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने में जानबूझ कर देरी कर रही है। वर्तमान सत्र की दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यदि कोर्ट के आदेश तुरंत प्रभाव से लागू नहीं किए गए तो इस साल भी ऐसे छात्र आरक्षण के लाभ से वंचित रह जाएंगे ।
पत्र में कुमारी सैलजा ने मांग करते हुए कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को तत्काल प्रभाव से लागू करे और पिछड़ा वर्ग को उसका हक़ दे।