IRCTC के नाम पर ठगी, एक गलती से खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट
रेलयात्री सावधान रहें, क्योंकि ऑनलाइन ठगों की नज़रें अब आपकी तरफ हैं. अभी तक तो रेल में यात्रा के दौरान जेबकतरों से सावधान रहना होता था, अब आपको घर बैठे भी सावधान रहना होगा. कारण है जेबकतरे अब ऑनलाइन आ चुके हैं. ज़रा-सा मौका मिलते ही ये लोग आपकी जेब से पैसा निकाल लेंगे और आप हाथ मलते रह जाएंगे. हाल ही में कई ऐसी शिकायतें मिलने के बाद IRCTC ने रेल में सफर करने वाले लोगों को सावधान रहने की हिदायत दी है.
यूं की जाती है जेब साफ
मान लीजिए आपने ट्रेन की टिकट बुक करवाई है. अब किसी कारण आपका प्लान बदल गया और आपने टिकट कैंसिल करवा दी. कैंसिल करवाने के बाद आपको रिफंड में कोई प्रॉब्लम हुई तो आप रिफंड के लिए रिक्वेस्ट डालेंगे. यहीं से फ्रॉड गेम शुरू हो जाता है. कई बार रेलवे के पास आई शिकायतों में सेंधमारी करके आपका डेटा निकाल लिया जाता है, तो कई बार आपके सोशल प्रोफाइल, जैसे कि फेसबुक या ट्विटर के जरिए आप पर नज़र रखी जाती है. जैसे ही फ्रॉड करने वालों को ये जानकारी मिलती है कि आपको रेलवे में रिफंड या टिकट को लेकर कोई परेशानी हो रही है तो वो लोग आपको टारगेट पर ले लेते हैं. इससे पहले कि IRCTC आपकी समस्या का समाधान कर दे, ठग आपके संपर्क करते हैं और एक प्रक्रिया के तहत आपको चूना लगाते हैं.
न दें अपनी पर्सनल जानकारी
IRCTC के कस्टमर्स को शिकार बनाने के लिए इन ठगों ने एक नया पैंतरा निकाला है. रिफंड के लिए एक ऑनलाइन फॉर्म बनाया गया है, जिसे भरने के लिए कहा जाता है. इसमें कई महत्वपूर्ण जानकारियों का कॉलम रहता है, जैसे कि बैंक अकाउंट नंबर से लेकर Debit Cards का पूरा ब्यौरा. इसी जानकारी के आधार पर आपके अकाउंट से पैसा साफ किया जाता है. यदि कोई आपसे इसी तरह का कोई फॉर्म भरने को कहे तो आपको सावधान रहना है. IRCTC की तरफ से आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगी जाती.
IRCTC ने खुद ट्वीट करके कहा है कि, “ऐसे लोग अलग-अलग नंबरों से कॉल करके ग्राहकों को कुछ लिंक भेजते हैं. कृपया ऐसे लिंक या कॉल का जवाब न दें. IRCTC ने बताया है कि रिफंड की पूरी प्रक्रिया ऑटोमैटिक है. IRCTC की रिफंड प्रक्रिया में किसी भी तरह का मानवीय हस्तक्षेप शामिल नहीं है.”