चंडीगढ़, 25 जून, 2021: कोविड -19 के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए, एसोचैम ने आज प्रसिद्ध कार्डियोवास्कुलर और कार्डियोथोरेसिक सर्जन, मेदांता-द मेडिसिटी के सीएमडी डॉ नरेश त्रेहन के साथ बातचीत पर दूसरा सत्र का आयोजन किया।
जैसा कि पूरा देश कोविड -19 की दूसरी लहर से लड़ रहा है, एसोचैम - देश का एक जिम्मेदार एपेक्स बॉडी होने के नाते इस घातक वायरस के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए ‘कोविड-19 अवेयरनेस वेब सीरीज’ आयोजित कर रहा है तथा यह सत्र का दूसरा भाग था।
सत्र के दौरान, मेदांता-द मेडिसिटी के सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहन ने बताया कि कोविड-19 न केवल एक ऐसा वायरस है जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है बल्कि यह अन्य सभी अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। इस संदर्भ में हृदय रोगियों को अधिक सतर्क रहना होगा।
उन्होंने कहा कि कोविड दिल की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है जिसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। त्रेहन ने कहा कि हृदय रोगी को ऐसे किसी भी मामले में अपने डॉक्टरों से परामर्श लेना चाहिए और कभी भी खुद का इलाज करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, टीकाकरण ही एकमात्र सहारा है जिससे हमें इस वायरस से लडऩा है, सभी को जल्द से जल्द अपना टीकाकरण करवाना चाहिए।
डॉ त्रेहन ने सत्र के दौरान उपस्थित लोगों द्वारा उठाए गए कई प्रश्नों का उत्तर भी दिया और उनकी शंकाओं को दूर किया।
यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि एसोचैम मेदांता के सहयोग से पहले से ही कोविड रोगियों को मुफ्त टेली-परामर्श प्रदान कर रहा है, जिसके लिए पेशंट / अटैंडस एसोचैम की ऑफिशल वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं।
एसोचैम हिमाचल प्रदेश स्टेट डवलपमैंट काऊंसिल के चेयरमैन श्री जितेंद्र सोढ़ी ने अपने संबोधन के दौरान एसोचैम के माध्यम से कोविड रोगियों को मुफ्त परामर्श देने के लिए डॉ त्रेहन को धन्यवाद दिया।
श्री सोढ़ी ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हृदय संबंधी रोगों से पीडित लोगों पर प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने कहा कि डॉ. त्रेहन के सुझाव और टिप्स रोगियों को एक अच्छी गुणवत्ता वाला जीवन जीने, घटती हुई मृत्यु दर में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि इस विषय पर उनकी संक्षिप्त जानकारी निश्चित रूप से कोविड 19 लागू होने के कारण होने वाले प्रभाव को कम करने में सहायक होगी।
इस सीरीज का पहला सत्र 5 जून को मद्रास डायबटिज रिसर्च सेंटर, चेन्नई के प्रेसिडेंट तथा मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ वी मोहन द्वारा सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था।