पंचकूला, 18 जून- हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला द्वारा रायपुररानी ब्लाॅक के किसानों के लिये स्थाई कृषि प्रणाली विषय पर एक ब्लाॅक स्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के विस्तार शिक्षा निदेशक प्रो. रामनिवास ढाडा मुख्यातिथि के तौर पर जुड़े। आज की कृषि क्षेत्र के ताजा हालातों को ध्यान में रखते हुये वेबिनार का विषय स्थाई कृषि प्रणाली रखा गया।
कृषि विज्ञान केंद्र की समन्वयक डाॅ. श्रीदेवी ने अपने स्वागत संबोधन में बोलते हुये इस बात पर जोर दिया कि हमें परंपरागत खेती में बदलाव करते हुये आज प्राकृतिक संसाधनों को बचाते हुये कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ना होगा। उन्होंने बताया कि जो भी संसाधन किसान के पास उपलब्ध होते है उनका सही और सर्वोंतम तरीके से उपयोग करके ज्यादा मुनाफा कमाना ही आज के किसानों की सोच होनी चाहिये।
मुख्यातिथि प्रो. रामनिवास ढांडा ने अपने संबोधन में किसानों से आह्वान किया कि वह खेती करने के तौर तरीकों में विज्ञान और तकनीकी को शामिल करें। आज का युग तकनीकी का युग है। मौसम में हो रहे बदलाव, घटता जल स्तर, घटती हुई जमीन की उपजाउ शक्ति और खेती योग्य क्षेत्रफल हमारे सामने कठिन चुनौती हैं। उन्होंने बताया कि एकल फसल प्रणाली को छोड़कर समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाने के सिवाय हमारे पास कोई और टीकाउ विकल्प नहीं है।
सस्य वैज्ञानिक डाॅ. वंदना ने बताया कि फसलों मे कीड़े बीमारियों से कही ज्यादा नुकसान खरपतवार करते है। प्रमाणित बीज, सही किस्म और बिजाई का समय, गुणवता वाली गोबर की खाद और खरपतवारों का फूल व बीज बनने से पहले ही नियंत्रण करना काफी कारगर साबित होता है।
पौध रोग वैज्ञानिक डाॅ. रविंद्र ने बताया कि फसलों में बीमारियों की रोकथाम के लिये बीज उपचार बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि जरूरत से ज्यादा खाद व पानी इस्तेमाल करने से भी पौधों में रोक पनपते है। कृषि विज्ञान पंचकूला के वैज्ञानिक डाॅ. राजेश लाठर ने फसल विविधिकरण को आज की जरूरत बताया और इस बात पर जोर दिया कि परंपरागत कृषि पद्धति में बदलाव करके किसानों को फल, फूल, सब्जी व ओषधिय पौधों की खेती को बढ़ावा देना चाहिये ताकि उपभोक्ता, व्यापार और मार्केंट की मांग के अनुरूप उत्पादन किया जा सके।
मत्स्य वैज्ञानिक डाॅ. गजेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों के लिये मछली पालन भी बहुत ही बेहतर विकल्प हो सकता है।
कृषि विभाग की ओर से डाॅ. जय प्रकाश शर्मा ने विभाग द्वारा चलाई जा रही तमाम स्कीमों के बारे में विस्तार से बताया और किसानों से आॅन लाईन पंजीकरण करवाकर लाभ लेने की अपील की।
डाॅ. गुरनाम सिंह ने वेबिनार से जुड़े सभी किसानों, अधिकारियों और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार प्रशासन का धन्यवाद करते हुये बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र पंचकूला इसी तरह के ब्लाॅक स्तरीय वेबिनार हर ब्लाॅक के लिये आयोजित करेगा ताकि कोरोना काल में इन वेबिनार के माध्यम से किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।