छः साल की उम्र में छोड़ा आंखों ने साथ, बिना कोचिंग के दिन-रात मेहनत कर पहली नेत्रहीन आईएएस बनी प्रांजल पाटिल*
महाराष्ट्र के उल्लाहनगर में जन्मीं प्रांजल पाटिल ने 2016 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 773 रैंक हासिल की थी। लेकिन दृष्टिबाधित होने के कारण उन्हें रेलवे अकाउंटेंट्स सर्विस की जॉब नहीं मिली। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अगले ही साल 2017 में 124वीं रैंक हासिल करते हुए इतिहास रचा।
जब आईएएस प्रांजल के सपने के बारे में पूछा तो उन्होने बताया कि वह और उनकी एक मित्र ने ग्रेजुएशन में पहली बार भारतीय प्रशासनिक सेवा पर एक लेख पढ़ा था। यहीं से उनके मन में आईएएस अधिकारी बनने के सपने का जन्म हुआ। लेकिन इसकी व्यवस्थित तैयारी जेएनयू में एमफिल में एडमिशन लेने के बाद 2015 में शुरू की।