सड़क हादसों में हुई 5 मौतों पर रो पड़ा समूचा सफीदों
मरने वालों में 4 लोग थे एक ही परिवार के
यमुना एक्सपै्रस-वे पर घटित हुआ था सड़क हादसा
सफीदों : मथुरा (उत्तरप्रदेश) में घटित हुए एक सड़क हादसे में सफीदों के कुल 5 लोगों के मौत पर बुधवार को समूचा सफीदों क्षेत्र रो पड़ा। मरने वालों में 4 लोग सफीदों की पुरानी अनाज मंडी व एक गांव जयपुर का निवासी है। इस बड़े हादसे की बात सुनकर हर कोई सतब्ध है और संपूर्ण क्षेत्र में शोक की लहर है। जैसे ही इस घटना का समाचार सफीदों में पहुंचा तो पीडि़त परिवार के निवास पर लोगों का तांता लग गया और हर कोई परिवार को ढांढस बंधा रहा था।
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क्या था घटनाक्रम
अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश कोषाध्यक्ष, समाजसेवी एवं उद्योगपति शिवचरण गर्ग का सबसे छोटे भाई मनोज गर्ग ( 42), पत्नी बबीत गर्ग (40), बेटे अभय गर्ग (18) और हेमंत गर्ग (16 ) के साथ गांव जयपुर निवासी चालक राकेश (28) के साथ इनोवा गाड़ी में सवार होकर एक घार्मिक यात्रा पर वृंदावन के निकले थे। रास्ते में मनोज गर्ग ने समालखा की काठमंडी से अपने साले के बेटे कन्नू (10) और बेटी हिमाद्री (14) को भी साथ ले लिया था। वृंदावन में दर्शनों के उपरांत ये सातों लोग रात को वापिस लौट रहे थे कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक टैंकर अनियंत्रित होकर इनकी इनोवा गाडी पर पलट गया। टैंकर के नीचे दबने से गाड़ी चकनाचूर हो गई और सातों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
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भाईयों में सबसे छोटा था मनोज गर्ग
मृत्तक मनोज गर्ग का संयुक्त परिवार है। तीनों भाइयों में सबसे बड़े शिवचरण गर्ग, मंझले भ्भाई सतीश गर्ग और सबसे छोटा मनोज गर्ग था। तीनों भाई अरूणोदय फीड मिल व पोल्ट्री का बिजनेस संभालते थे। परिवार व बिजनेस सबकुछ हंसी-खुशी चल रहा था लेकिन इस घटना ने पूरे परिवार को बुरी तरह से तोड़कर रख दिया है। दोनों बड़े भाईयो का रो-रोकर बुरा हाल था और रह-रहकर दोनों भाई अपने छोटे भाई मनोज के साथ बिताए गए पलों को याद कर रहे थे। मृत्तक मनोज की मां राजो देवी भी भारी शोक में थीं। उन्हे क्या पता था कि उसको जीते जी अपने आंखों के सामने अपने बेटे, बहु, पोते व पोती को जाते हुए देखना पड़ेगा।
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क्या पता था धार्मिक यात्रा बन जाएगी अंतिम यात्रा
मनोज गर्ग और उसका परिवार बड़े हर्षोल्लास से गए तो धार्मिक यात्रा पर थे लेकिन उन्हे क्या पता था कि उनकी यह धार्मिक यात्रा अंतिम यात्रा में तबदील हो जाएगी। वैसे तो मनोज गर्ग के पीछे भरा पूरा परिवार है लेकिन उनका खुद का कोई वारिश नहीं रह गया है। अगर शेष रह गया है तो उनकी यादें। मनोज गर्ग पत्नी व बच्चों समेत वृंदावन गए थे। मनोज के दो ही बच्चे अभय और हेमंत थे। दोनों बीए प्रथम वर्ष व 12वीं में पढ़ते थे। दोनों बच्चे भी अपने माता-पिता के साथ इस दुनिया से रूखस्त हो चुके हैं।
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घर से एकसाथ उठी 4 अर्थियां
सफीदों से इतिहास में पहले किसी घर से इक_ी 4 अर्थियां उठने का एक-आध ही कोई मामला है। बुधवार सांय को सफीदों मंडी से मनोज, बबीता, अभय व हेमंत की एकसाथ 4 अर्थियां उठी। जैसे ही 4 अर्थियां एकसाथ उठी परिवार ही नहीं वहां मौजूद हर कोई शख्स चित्कार कर उठा। इस किसी की आंखों से आंसुओं का सैलाब बह रहा था और हर कोई कह रहा था कि भगवान किसी के साथ भी ऐसा ना करे।
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ड्राईवर के घर भी गहरा शोक
उपमंडल के गांव जयपुर निवासी मृत्तक राकेश के घर भी शोक की लहर है। इस घटना से ग्रामीण व परिवार के लोग बेहद दुखी हैं। बताया जाता है कि राकेश पिछले काफी समय से व्यापारी के यहां काम करता था और इस परिवार के विश्वासपात्रों में था। अगर व्यापारी के परिवार को कहीं पर बाहर जाना होता था तो वे राकेश को ही साथ लेकर जाते थे। राकेश अपने पीछे पत्नी, एक लड़का व एक लड़की छोड़कर गया है। परिवार में कमाने वाला राकेश ही था। राकेश नौकरी के अलावा गांव में दो एकड़ की खेती करता था। अभी कुछ ही महीनों पूर्व उसके पिता का भी देहांत हो गया था।
फोटो कैप्शन 1.: मृम्त्तक मनोज गर्ग व बबीता गर्ग का फाईल फोटो।
फोटो कैप्शन 2.: मृत्तक अभय गर्ग व हेमंत गर्ग का फाईल फोटो।
फोटो कैप्शन 3.: मृत्तक ड्राईवर राकेश का फाईल फोटो।