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तमिलनाडु की स्नेहा राजा एडवोकेट देश की पहली महिला बनी।
स्नेहा ने नो जाति, नो धर्म का प्राप्त किया प्रमाण पत्र।
तमिलनाडु हलचल।
तमिलनाडु की स्नेहा देश की पहली महिला बन गई हैं जो जाति और धर्म के बंधन से आधिकारिक रूप से मुक्त हैं।
35 साल की स्नेहा पेशे से वकील हैं।
खबर के मुताबिक तिरुपत्तूर के तहसीलदार टीएस सत्यमूर्ति ने स्नेहा को पांच फरवरी को ‘नो कास्ट, नो रिलिजन का प्रमाण-पत्र दिया।
वह पिछले कई साल से इसके लिए प्रयास कर रही थीं।
प्रमाण-पत्र मिलने के बाद से स्नेहा और उनके प्रोफेसर पति प्रतिभा राजा के पास से लगातार फोन आ रहे हैं। तमिलनाडु के वेल्लूर जिले के तिरुपत्तूर की रहने वाली स्नेहा को लोग उन्हें बधाईयां दे रहे है।
हालांकि स्नेहा जातिगत आरक्षण का समर्थन करती हैं। वह कहती हैं, “मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मैं आरक्षण के विरोध में नहीं हूं।मैं आरक्षण की नीति का समर्थन करती हूं और मानती हूं कि दबे कुचले व पिछड़े तबकों को आगे लाने के लिए उनको आरक्षण दिया जाना चाहिए।”
स्नेहा की दोनों बहनों का नाम मुमताज और जेनिफर है। वह कहती हैं कि वह मुमताज और जेनिफर के लिए भी ‘नो कास्ट नो रिलिजन’ सर्टिफीकेट के लिए आवेदन करेगी।
अभिनेता कमल हासन ने ट्वीट करके स्नेहा के फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही अभिनेता और कार्यकर्ता सत्यराज ने भी उनके फैसले का स्वागत किया है।