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मोदी ने सार्वजनिक मंच पर छुए थे पैर, गवर्नर का पद भी स्वीकार नहीं किया
February 08, 2021 06:39 PM
मोदी ने सार्वजनिक मंच पर छुए थे पैर
गवर्नर का पद भी स्वीकार नहीं किया
सामाजिक कार्यों के लिए पद्मभूषण सम्मान पाने वाले समाजसेवी दर्शन लाल जैन को युवा लड़कियों और आर्थिक रूप से परेशान बच्चों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी जब यमुनानगर आए थे तब उन्होंने सार्वजनिक मंच पर दर्शन लाल जैन के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था। समाज सेवा के कामों में आगे रहने वाले जैन का सक्रिय राजनीति में शामिल होने की ओर कभी झुकाव नहीं रहा। 1954 में जनसंघ द्वारा एमएलसी सुनिश्चित सीट के लिए मिले प्रस्ताव को उन्होंने अस्वीकार कर दिया था। बाद में उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा राज्यपाल के पद की पेशकश भी की गई, लेकिन उन्होंने गवर्नर का पद भी स्वीकार नहीं किया। दर्शन लाल जैन ने सरस्वती विद्या मंदिर,जगाधरी (1954), डीएवी कॉलेज फॉर गल्र्स, यमुनानगर, भारत विकास परिषद हरियाणा, विवेकानंद रॉक मैमोरियल सोसाइटी, वनवासी कल्याण आश्रम हरियाणा, हिंदू शिक्षा समिति हरियाणा, गीता निकेतन आवासीय विद्यालय, कुरुक्षेत्र, और नंद लाल गीता विद्या मंदिर, अंबाला (1997) सहित हरियाणा के विभिन्न स्कूलों और
कॉलेजों की स्थापना की।