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जींद किसान महापंचायत में गरजे राकेश टिकैत कानून वापसी के लिए बोला,गद्दी वापस मांगी तो.सरकार नहीं मानी तो 44 लाख टैक्टर के साथ मार्च 50 खापों के प्रतिनिधि महापंचायत में शामिल हुए महापंचायत में पारित किए गए पांच प्रस्ताव-

February 03, 2021 08:22 PM
जींद किसान महापंचायत में गरजे राकेश टिकैत
कानून वापसी के लिए बोला,गद्दी वापस मांगी तो...
सरकार नहीं मानी तो 44 लाख टैक्टर के साथ मार्च 
50 खापों के प्रतिनिधि महापंचायत में शामिल हुए
महापंचायत में पारित किए गए पांच प्रस्ताव-
-अशोक  छाबड़ा-
@ 099965-19000
जींद। कंडेला किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने सरकार को ललकारते हुए एक तरह से सरकार को चेतावनी ही दे डाली। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि अभी तो हमने बिल वापसी की बात की है अगर गद्दी वापसी की बात की तब सरकार क्या करेगी। उन्होंने ये भी कहा यह युवाओं की क्रांति का साल है। जिस मंच से राकेश टिकैत किसानों को संबोधित कर रहे थे,वह गिर गया। मंच पर कई अन्य किसान नेता भी मौजूद थे। हादसे में टिकैत समेत कुछ नेताओं को मामूली चोट आई है। महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार की किलेबंदी अभी तो एक नमूना है। आने वाले दिनों में इसी तरह से गरीब की रोटी पर किलेबंदी होगी। रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसके लिए ही यह आंदोलन शुरू किया गया है। अभी सरकार को अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है। आगे जैसे भी हालात रहेंगे, उसी हिसाब से अगली रणनीति पर किसान चर्चा करेंगे। टिकैत ने महापंचायत में किसान आंदोलन के बारे में जानकारी दी और हरियाणा के किसानों से दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने की अपील की। महापंचायत में किसानों की मांगों और किसान आंदोलन को लेकर पांच प्रस्ताव पारित किए गए। टिकैत ने किसानों से अपील की कि शांतिपूर्वक आंदोलन चलाएं। उन्होंने कहा कि किसान नंगे पांव खेत में जाएं और अपने खेत की मिट्टी शरीर पर लगाएं। इसके बाद किसान के मन में जमीन को बेचने का ख्याल तक नहीं आएगा। कंडेला गांव के राजीव गांधी खेल स्टेडियम में आयोजित महापंचायत में 50 से ज्यादा खापों के हजारों किसानों ने भाग लिया। टिकैत ने यह भी आह्वान किया कि अभी किसान दिल्ली कूच न करें,अपनी तैयारी कर के रखें,जब जरूरत होगी,तब बुला लिया जाएगा। 
 
पानी की जगह आग मांग ली होती तो क्या होता
राकेश टिकैत ने सरकार को ललकारते हुए कि 30 लाख लोग दिल्ली के अंदर आंदोलन में शामिल हुए। वहां उस दिन अगर मैंने अगर पानी की जगह आग मांग ली होती तो पता नहीं क्या होता,लेकिन मैंने पानी इसलिए मांगा क्योंकि पानी की तासीर ठंडी होती है। उन्होंने किसानों से कहा कि आप गुस्सा नहीं करेंगे आप अपना गुस्सा हमें दे दे। राकेश टिकैत ने कहा कि जब जब राजा डरता है तब-तब किलेबंदी करता है। उन्होंने कहा कि कीलें तो लाल किले पर भी गाडी गईं थीं। हम दिखा देंगे आने वाले 400 सालों तक ये आंदोलन याद रखा जाएगा। हम ये कीलें अपने खेतों में नहीं लगाते हैं, मेरा शरीर इन कीलों पर लेटेगा। उन्होंने सरकार को 
ललकारते हुए कहा कि यदि इस देश के युवा ने अगर गद्दी बदलने पर आ गया तो सरकार के लिए बुरा हो जाएगा। राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर लगी हुईं कीलें पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये कीलें उखाड़ ली जाएंगी और चौपाल में रखी जाएंगी। ये कीलें आने वाली पुस्तों को दिखाई जाएंगी कि कैसे किसान लड़ाई जीता था।
 
हमने कभी लाल किले पर जाने की बात नहीं कही
टिकैत ने कहा कि पिछले 35 साल से किसानों के हित में आंदोलन करते आ रहे हैं। हमने संसद घेरने की बात भले ही कही,पर लाल किले पर जाने की न तो कभी बात कही और न ही हम गए। 26 जनवरी को लाल किले पर जाने वाले लोग किसान नहीं थे और जो थे, वे सरकार की साजिश का हिस्सा थे। उन्हें आगे जाने दिया गया तो वे गए।
 
आंदोलन के बाद जेल में रहूंगा
खुद पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने की बात पर टिकैत ने कहा,जब तक आंदोलन चल रहा है चलता रहेगा। उसके बाद जेल में रहूंगा। मीडिया ने लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने की घटना पर सवाल किया तो टिकैत ने कहा कि यह सब सरकार की मिली-भगत थी।
 
भीड़ इतनी बढ़ी कि टूटा महापंचायत का मंच
राकेश टिकैत जब मंच पर बोलने वाले थे उससे चंद मिनट पहले ही मंच टूट गया। फिर सब कुछ ठीक कर जब वह दोबारा मंच पर आए तो कहा कि मंच 
भाग्यवानों के टूटते हैं।
 
युद्ध में घोड़े नहीं बदले जाते
राकेश टिकैत ने का कि युद्ध में कभी घोड़े नहीं बदले जाते। सरकार से बातचीत के लिए जो 40 किसानों की कमेटी बनाई गई है, उसके सदस्य नहीं बदले जाएंगे। कमेटी भी वही रहेगी और इसके सदस्य भी वही रहेंगे। ऑफिस भी पहले जहां था, वहीं रहेगा। किसानों को भाकियू नेता गुरनाम चढ़ूनी,बलवीर राजेवाला ने भी संबोधित किया।
 
महापंचायत में पारित किए गए पांच प्रस्ताव-
1. तीनों केंद्रीय कृषि कानून रद किए जाएं।
2. एमएसपी पर कानून जामा पहनाया जाए।
3. स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाए।
4. किसानों का कर्जा माफ किया जाए।
5. 26 जनवरी को पकड़े गए किसानों को रिहा किया जाए और जब्त किए गए ट्रैक्टरों को छोड़ा जाए। दर्ज मुकदमे वापिस लिए जाए।
 
 

 

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