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केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया द्वारा मंत्रालय के अंतर्गत केन्द्रीय जल आयोग की समीक्षा बैठक

January 21, 2021 07:16 PM
केन्द्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया द्वारा मंत्रालय के अंतर्गत केन्द्रीय जल आयोग  की समीक्षा बैठक
 केन्द्रीय जल आयोग द्वारा संचालित की जा रही परियोजनाओं पर चर्चा
 सियांगध् ब्रह्मपुत्र नदी के कारण होने वाली बाढ़ को रोकने के लिए समीक्षा योजना पर विचार
 तिब्बत के मेडोग में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा सुपर जल विद्युत स्टेशन बनाने की योजना पर चर्चा
 
पंचकूला  21 जनवरी-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और बाँध पुनर्वास और सुधार परियोजना तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों की प्रगति के विषय में केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों के साथ नई दिल्ली के सेवा भवन मे समीक्षा बैठक की।  
आयोग के अधिकारियों ने बैठक में अवगत करवाया कि पिछले डेढ़ साल के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत चुनी गई 99 प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से 10 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और बाकी परियोजनाओँ पर अलग-अलग स्तरों पर कार्य चल रहे हैं तथा इनमें से अधिकांश परियोजनाओं के शीघ्र पूरा होने का अनुमान है। श्री कटारिया ने इस कार्यक्रम के संचालन में केंद्रीय जल आयोग की भूमिका की सराहना की। 
आयोग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना कार्यक्रम के पहले चरण के तहत सात राज्यों में स्थित 223 बांधों का पुनर्वास 3466 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ किया गया है। इसके पश्चात् केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस  योजना के दूसरे और तीसरे चरणों को मंजूरी दे दी है। इन योजनाओं में व्यय होने वाले कुल 10,000 करोड़ रूपये की राशि में से 7,000 करोड़ रुपये की राशि विश्व बैंक और एसिशन इन्फ्रास्ट्रक्चार निवेश बैंक द्वारा वित्त पोषित की जाएगी। 
श्री   कटारिया ने देश में राज्यों के मध्य जल बंटवारे से उत्पन्न विवादों को लेकर चिन्ता व्यक्त की। इस विषय पर केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रव्यापी नदी बेसिन संगठनों के गठन के पश्चात् इस समस्या का समाधान शीघ्र करने में सहायता मिलेगी। इसके अतिरिक्त देश में बेहतर जल प्रबंधन के लिए भी नदी बेसिन संगठनों की अहम भूमिका होगी। अधिकारियों ने बताया कि अंतर्राजीय नदी जल विवाद  संशोधन विधेयक  जो संसद के अगले सत्र में पेश किया जाना प्रस्तावित है, के पारित होने के साथ, पानी के टकराव को और अधिक तेजी से हल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश में जल संसाधनों के समग्र प्रबंधन के लिए  बिल और डैम सेफ्टी बिल का पारित होना बहुत आवश्यक है।
 बैठक में बताया गया कि पिछले एक साल में केन्द्रीय जल आयोग द्वारा 79 नए बाढ़ पूर्वानुमान स्टेशनों को चालू किया गया है। इसके परिणामस्वरूप वर्ष 2020 में 198 नदी घाटियों में स्थापित 328 स्टेशनों से 11,721 पूर्वानुमान जारी किए गए थे। इसके अतिरिक्त एक नई बाढ़ पूर्वानुमान वेबसाइट https://ffs-tamcnhp-com  की भी मई, 2020 से शुरूआत की गई है।
चर्चा के दौरान, ब्रह्मपुत्र नदी से देश के नार्थ ईस्ट राज्यों में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ से संबंधित मुद्दे पर चर्चा की गई। आयोग के अधिकारियों ने ऊपरी सियांग      ब्रह्मपुत्र में एक परियोजना स्थापित करने की आवश्यकता के बारे में अवगत कराया जो असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी से आने वाली बाढ़ पर नियंत्रण के लिए अत्यधिक लाभदायक होगी। तिब्बत के मेडोंग में ब्रह्मपुत्र में एक सुपर जल विद्युत स्टेशन स्थापित करने की चीन की कथित योजना के बारे में अधिकारियों ने अवगत कराया कि ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को मोड़ने का कोई भी प्रयास भारत, बांग्लादेश जैसे निचले क्षेत्रों के जल की उपलब्धता के अधिकारों पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। हालांकि भारत और चीन के बीच वर्ष 2006 में ट्रांस लेवल नदियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञ स्तर का तंत्र भी मौजूद है। 
बैठक के दौरान यमुनानगर के आदिबद्री में सरस्वती नदी के उद्गम स्थल पर प्रस्तावित बाँध के विषय पर अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली स्थित केन्द्रीय मृदा और सामग्री अनुसंधान स्टेशन में प्रस्तावित बाँध स्थल की मिट्टी तथा चट्टानों की जांच जारी है जिसकी रिपोर्ट आने के बाद तीन महीने में केन्द्रीय जल आयोग बाँध की ड्राइंग और डिजाईन को जाँच कर सरस्वती हैरिटेज बोर्ड तथा हरियाणा सरकार को आगे की कार्यवाही के लिए भेज देगा।
  बैठक में केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष श्री एस.के.हल्दर के अलावा आयोग के तीन सदस्य तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
 
 

 

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