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योग एवं आध्यात्म में भक्ति योग आश्रम का अहम योगदान: शंकरानंद सरस्वती
January 14, 2021 08:07 PM
योग एवं आध्यात्म में भक्ति योग आश्रम का अहम योगदान: शंकरानंद सरस्वती
धूमधाम से मनाया गया भक्ति योग आश्रम का स्थापना दिवस
सफीदों-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो--: उपमंडल सफीदों के सरनाखेड़ी गांव में वीरवार को भक्ति योग आश्रम का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता आश्रम के संचालक स्वामी शंकरानंद सरस्वती ने की। वहीं गुजरात के मोरबी से आए विजय व्यास विशेष रूप से मौजूद थे। समारोह में विश्वशांति एवं लोगों में आपसी सद्भाव तथा समाज व राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना के लिए विशेष प्रार्थना की गई। स्वामी शंकरानंद सरस्वती के सानिध्य में प्रात: विशाल हवन किया गया। उसके उपरांत महादेव शिव पूजा अनुष्ठान संपन्न हुआ। समारोह के दौरान आयोजित भजन-कीर्तन में श्रद्धालुगण झूम उठे। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी शंकरानंद सरस्वती ने कहा कि इस दिन सूर्य नारायण धनु राशि से मकर राशि में गमन करेंगे और दक्षिणायन से उत्तरायण होकर भ्रमण करेंगे इसलिए भी इस दिन का विशेष महत्व है। कोई भी धर्म कार्य तभी फल देता है, जब वह पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ किया जाता है। जितना सहजता से दान कर सकते हैं, उतना दान अवश्य करना चाहिए। भगवान आशुतोष ने इस दिन भगवान विष्णु जी आत्मज्ञान का दान दिया था। इसके अतिरिक्त देवताओं के दिनों की गणना इस दिन से ही प्रारम्भ होती है। महाभारत की कथा के अनुसार भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिये मकर संक्रांति का दिन ही चुना था। कहा जाता है कि आज ही के दिन गंगा जी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थी। मकर-संक्रांति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं, आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है, अंधकार का नाश व प्रकाश का आगमन होता है। उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद एवं आध्यात्मिकता के क्षेत्र में भक्ति योग आश्रम का पिछले काफी वर्षों से अहम योगदान है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि जो भी योग, आयुर्वेद एवं आध्यात्म का लाभ प्राप्त करना चाहता है वह नि:संकोच आश्रम द्वारा प्रदत सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकता है। कार्यक्रम के अंत में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
फोटो कैप्शन 3.: स्थापना दिवस पर महादेव शिव का अभ्भिषेक करते हुए स्वामी शंकरानंद सरस्वती व श्रद्धालुगण।