चण्डीगढ़, 20 दिसंबर - अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- हरियाणा सरकार द्वारा पिछले कई वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए जा रहे गीता महोत्सव को इस वर्ष कोविड-19 महामारी के चलते वर्चुअल माध्यम से 17 से 25 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इस कड़ी में आज महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल द्वारा पूरे उत्साह के साथ लाइव प्रस्तुति दी गई।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि समारोह में महिला एवं बाल विकास राज्य मन्त्री श्रीमती कमलेश ढाण्डा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुई जबकि पर्यटन निगम के चेयरमैन श्री रणधीर सिंह गोलन विशिष्ट अतिथि थे।
श्रीमती ढाण्डा ने विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा श्रीमद्भगवत गीता पर दी गई प्रस्तुति की सराहना की और कहा कि यह प्रस्तुति हर प्रकार के दुख:, मोह, त्याग, निष्ठा, योग एवं कर्तव्य परायणता का मार्गदर्शन करने वाली है। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना भी की ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ. श्रेयांश द्विवेदी व गणमान्य अतिथियों ने वैदिक मंत्रों के साथ दीप प्रज्ज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत की। विश्वविद्यालय के योग के छात्र-छात्रा विष्णु और प्रियंका द्वारा सामंजस्य योग की प्रस्तुति दी गई ।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने अवगत कराया कि आचार्यों का निष्ठा के साथ काम करना और छात्रों का ईमानदारी से अध्ययन करना दोनों बातें इन अद्भूत प्रस्तुतियों में स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा कि अपनी स्थापना के पहले दो वर्षों में ही विश्वविद्यालय का नाम हरियाणा में ही नहीं अपितु पूरे भारत में छाया हुआ है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी विभिन्न विधाओं में कैथल एवं हरियाणा का नाम रोशन करेंगे ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी विभागों के आचार्य छात्र एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के यूट्युब चैनल एवं फेसबुक पेज पर भी दिखाया जा रहा है ।
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कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि कृषि के विकास में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का महत्वपूर्ण योगदान होगा
चंडीगढ़,20 दिसंबर- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि कृषि के विकास में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इन स्टेशनों पर किसानों को ध्यान में रखकर कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। इन पर प्रसारित कार्यक्रमों के माध्यम से किसान सम-सामयिक विषयों पर संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एक साथ सात सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थापित करने वाला देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय बन गया है। यह जानकारी उन्होंने आज यहां प्रेस को जारी एक बयान में दी । उन्होंने बताया कि ये सामुदायिक रेडियो स्टेशन हिसार, रोहतक, झज्जर, पानीपत, कुरूक्षेत्र , जींद व सिरसा में स्थापित हैं।
उन्होंने कहा कि इन रेडियो स्टेशन के मार्फ़त किसानों को मौसम सम्बन्धी जानकारी, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह, पशुपालन एवं गृह विज्ञान से संबंधित नवीनतम जानकारी प्रदान की जाएगी। सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थानीय संस्कृति, कला एवं ज्ञान को बढ़ावा देने के साथ - साथ किसानों की आय दोगुना करने के माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उदेश्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने बताया कि इन स्टेशनों पर महिलाओं को स्वावलंबी व स्वरोजगारोन्मुखी बनाने संबंधित कार्यक्रम भी सुव्यविस्थत तरीके से प्रसारित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि रेडियो स्टेशनों के स्थापित होने के बाद किसानों व वैज्ञानिकों के संबंध अधिक घनिष्ठ होंगे और किसानों को हर प्रकार की जानकारी मिलती रहेगी। उन्होंने कहा कि इनसे किसानों को फसलों की उन्नत किस्मों के साथ-साथ उनकी बिजाई संबंधी जानकारी, बिमारियों व कीटों के समाधान संबंधी जानकारी, मौसम की जानकारी, विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की सलाह, पशुपालन एवं गृह विज्ञान से संबंधित नवीनतम जानकारी प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से किसानों एवं कृषि-वैज्ञानिकों का आपसी संपर्क कम हो पाता है या संभव ही नहीं होता। ऐसे में सामुदायिक रेडियो स्टेशन कृषि से संबंधित उन्नत तकनीकों की जानकारी पहुंचाने की एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते हैं।
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ आर.एस. हुड्डा ने कहा कि यह सभी रेडियो स्टेशन हरियाणा सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना व आत्मा स्कीम के तहत स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में सबसे पहले 29 नवंबर 2009 को सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना की गई और एफ.एम. 91.2 मैगाहर्टज पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने शुरू कर दिए। इन रेडियो स्टेशनों से दिन में दो बार सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तथा शाम को 2:30 बजे से 4:30 बजे कृषि पशुपालन, सरकारी योजनाओं, मौसम संबंधी जानकारी व स्थानीय कलाकारों द्वारा हरियाणवी संस्कृति कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे।
सह-निदेशक (फार्म परामर्श सेवा) डॉ. सुनील ढाण्डा ने कहा कि ये रेडियो स्टेशन एक लंबे एवं जटिल प्रयास का परिणाम हैं क्योंकि इनको स्थापित करने के लिए विस्तार शिक्षा निदेशालय ने लगातार कई वर्षों तक भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से एनओसी प्राप्त करने के बाद ही किसानों को समर्पित किए गए हैं। इस परियोजना के नोडल ऑफिसर, सह-निदेशक (विस्तार) डॉ. कृष्ण यादव ने बताया कि इन सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना भारत सरकार के उपक्रम ब्रॉडकास्टिंग इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (बेसिल) के सहयोग से की गई है।