चंडीगढ़- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-चंडीगढ़ नगर निगम के पार्षदों के खातों में लाखों रुपये के फंड पड़े हुए हैं लेकिन नगर निगम की वित्तीय हालत पतली होने की वजह से यह रकम पार्षदों के खातों में क्रेडिट नहीं हो पा रही, जिस कारण शहर के विकास कार्य लटके हुए हैं। इस वर्ष तो कोरोना के कारण स्थिति और खराब रही है। नगर निगम कुछ चुनिंदा काम ही वार्ड फंड से करा सका है। स्थिति यह है कि कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ के खाते में सबसे ज्यादा 105.57 लाख रुपये बचे हैं। हालांकि चंद्रवती शुक्ला, आशा जसवाल और कंवरजीत सिंह ने अपने-अपने वार्ड फंड का उपयोग कर लिया है। निगम आयुक्त केके यादव ने बताया कि पार्षदों ने अपने वार्ड के विकास कार्यों की सूची नगर निगम को दी है लेकिन कोरोना महामारी के कारण निगम के बजट में 20 प्रतिशत को कटौती की घोषणा के बाद यह विकास कार्य करना संभव नहीं हो पा रहा था। इस संबंध में पार्षदों को जानकारी दे दी गई थी कि नगर निगम पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रहा है। नगर निगम ने अपने वित्तीय बजट में जो रेवेन्यू लाने की बात कही थी, कोरोना महामारी में वह बजट भी कम हो गया। ऐसी स्थिति में नगर निगम के सामने यही विकल्प था कि कामों की प्राथमिकता सूची तय की जाए और उसी आधार पर शहर के विकास कार्य हों। कोरोना महामारी के कारण इस साल किसी भी पार्षद को वार्ड फंड आवंटित नहीं किया गया। वहीं, महापौर, वरिष्ठ उप महापौर व उप महापौर को मिलने वाला अतिरिक्त फंड भी नहीं दिया गया है। अभी हाल ही में तैयार की गई सूची में पिछले तीन साल का बजट देखा गया था। उसी आधार पर आगामी वर्ष में वार्ड में विकास कार्य की रूपरेखा तैयार करेंगे।
अटके हैं काम, कई पार्षदों ने अपने वार्ड की सूची दी थी। पार्षदों ने अपने वार्ड में विकास कार्य कराने के लिए काम की सूची दी हुई है, लेकिन वित्तीय समस्या के कारण काम हो नहीं सके या काम की स्वीकृति के बाद शुरू नहीं हो सके। कई कार्यों के तो पैसे भी वार्ड फंड से कट गए हैं, लेकिन काम नहीं हो सके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अभी हाल ही में पार्षदों ने बताया कि उनके वार्ड में काफी कार्य अधूरे हैं। महापौर राजबाला मलिक ने कहा कि सभी वार्डों में 30 लाख तक के विकास कार्य कराए जाएं। अभी पार्षदों से उनके वार्डों की प्राथमिकता सूची मांगी है। सूची आने के बाद ज्यादातर कार्यों को वार्ड फंड से ही कराया जाएगा ताकि उस फंड का भी उपयोग हो सके और वार्ड में विकास कार्य भी हो सकें। नगर निगम के कमिश्नर कमल किशोर यादव ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष वार्ड फंड से काम नहीं हो सके। अभी 30 लाख तक के कार्य पार्षदों के वार्डों में कराने की तैयारी है।
बॉक्स- पार्षद महेश इंदर सिंह के खाते में 19.96 लाख, मेयर राजबाला मलिक के खाते में 56.39 लाख, पार्षद रविकांत शर्मा के खाते में 20.90 लाख, सुनीता धवन के खाते में 41.32 लाख, शीला देवी के खाते में 14.95 लाख, फर्मिला देवी के खाते में 99.05 लाख, पूर्व मेयर राजेश कालिया के खाते में 46.16 लाख, अरुण सूद के खाते में 50.37 लाख, गुरुबख्श रावत के खाते में 8.05 लाख, हरदीप सिंह के खाते में 1.78 लाख, सतीश कैंथ के खाते में 105.57 लाख, हीरा नेगी के खाते में 76.07 लाख, रविन्दर कौर के 38.62 लाख, राजेश गुप्ता के 25.97 लाख, देवेंद्र सिंह बबला के 37.69 लाख, दिलीप शर्मा के 43.97 लाख, शक्ति प्रकाश देवशाली के 84.55 लाख, गुरप्रीत सिंह के 47.52 लाख, देवेश मोदगिल के खाते में 84.91 लाख, भरत कुमार के खाते में 47.30 लाख, अनिल कुमार दुबे के खाते में 36.92 लाख, जगतार सिंह के खाते में 53.66 और विनोद अग्रवाल के खाते में 31.96 लाख रुपये बचे हैं।