जंग संबंधित मुद्दों के समाधान पर अमृतसर में नॉलेज सेमिनार आयोजित
अमृतसर, 13 दिसंबर :-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो- इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन ने शनिवार शाम होटल हॉलिडे इन, अमृतसर में ‘कटिंग द कॉस्ट ऑफ कोराइजन ऑन इंफ्रास्ट्रक्चर’ पर नॉलेज सेमिनार का आयोजन किया।
सेमिनार में सुधीर गोयल , माधव केआरजी ग्रुप के एमडी, रणधीर राठौर, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट, ज्योति स्टील, एसजीपीसी के वरिष्ठ पदाधिकारी, आर्किटेक्ट्स, स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स, , कॉन्ट्रैक्टर्स और सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया और जंग संबंधित मुद्दों के समाधान पर विस्तार से चर्चा की।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगने वाली जंग संबंधित चिंताओं और इसके बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सुरक्षा पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए, विशेषज्ञों ने एक गहन कोराइजन सुरक्षा तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया जो ना केवल बुनियादी ढांचे की आयु बढ़ाती है बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान को कम करेगा। कई मुद्दों के बीच, गैल्वनाइजिंग टेक्नोलॉजीज (स्टील या लोहे जैसी अधिक उपयोगी में आने वाली धातुओं पर जिंक कोटिंग का प्रोसेस), मौजूदा और नए स्ट्रक्चर्स पर इसका उपयोग, गैल्वनाइज्ड स्ट्रक्चर्स और स्मार्ट सिटीज में उनके उपयोग के भारतीय और वैश्विक उदाहरण देते हुए चर्चा की गई।
कोरकॉन इंस्टीट्यूट ऑफ कोराइजन के अनुसार, जंग के कारण पूरे विश्व को हर साल 2.5 ट्रिलियन की क्षति वहन करनी पड़ती है जो कि वैश्विक जीडीपी का लगभग 3-4 प्रतिशत और भारत में ये दर लगभग 4 प्रतिशत है। जंग के कारण बुनियादी ढांचे की विफलता बुनियादी ढांचे को प्रभावित करती है जिससे समग्र अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है।
डॉ.राहुल शर्मा, डायरेक्टर (इंडिया)-इंटरनेशनल जिंक एसोसिएशन ने सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘सरकार स्मार्ट सिटी मिशन सहित कई नई कार्यक्रमोंं के कारण बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रही है। इन संरचनाओं की दीर्घायु और सुरक्षा सुनिश्चित करना, संरचना गैल्वनीकरण की तरह टिकाऊ और सिद्ध संक्षारण संरक्षण विधियों को अपनाने की आवश्यकता है।
अमृतसर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी), श्रीराधा स्वामी सत्संग ब्यास जैसे धार्मिक निकायों का हैड ऑफिस है, जो न केवल पंजाब में, बल्कि पूरे भारत में भक्तों और अनुयायियों के लिए आधारभूत इंफस्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं। सेमिनार में बताया गया कि अमृतसर में अत्यधिक सर्दी और गर्मी भी दर्ज की जाती है जिससे स्टील उत्पादों पर कोराइजन होता है। आईजैडए ने एसजीपीसी को सुझाव दिया कि वे आरसीसी स्ट्रक्चर्स के लिए गैल्वनाइज्ड रेबार का उपयोग करें।