चंडीगढ़- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो- पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू की जल्द की पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में जल्द ही वापसी होगी। बताया जाता है कि सिद्धू की वापसी में किसान आंदोलन के कारण उनकी वापसी को कुछ समय के लिए रोका गया है। ऐसे में किसान आंदोलन की समाप्ति के बाद ही उनकी कैबिनेट में वापसी होगी। सिद्धू के दिसंबर के दूसरे सप्ताह में आने की उम्मीद थी। नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच की दूरी को ‘कम’ करने में अहम भूमिका अदा करने वाले कांग्रेस के महासचिव व प्रदेश प्रभारी हरीश रावत का कहना है कि उनका काम अब पूरा हो गया है। बीती शाम मुख्यमंत्री से मुलाकात करके आए रावत ने कहा, ‘अब दोनों नेताओं के बीच में अच्छे माहौल में बातचीत हो रही है। दोनों बड़े व सुलझे हुए नेता है। इसलिए इस मामले में अब मेरा काम खत्म हो गया है।’ हरीश रावत ने यह संकेत दिए है कि जो कुछ भी होगा वह किसान आंदोलन खत्म होने के बाद ही होगा। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन को समर्थन देने वाली कांग्रेस किसी भी सूरत में लोगों का ध्यान आंदोलन से हटाना नहीं चाहती है। यही कारण है कि कांग्रेस ने अपनी सारी राजनीतिक गतिविधियों को भी रोक रखा है। हरीश रावत ने कहा कि अभी हम किसान आंदोलन को देख रहे है। लड़ाई किसानों और केंद्र सरकार के बीच है। कांग्रेस किसानों को समर्थन दे रही है। वह कहते है, कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है जो किसानों के हक में सबसे पहले आगे आई। राहुल गांधी ने ट्रैक्टर यात्रा निकाली तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह किसानों के हित में आगे आकर देश के सबसे बड़े नेता बने। वहीं, रावत ने यह भी संकेत दिए कि नगर निगम व नगर काउंसिल चुनाव के बाद ही पंजाब कांग्रेस के संगठन का गठन होगा। रावत कहते है, नगर निगम व नगर काउंसिल चुनाव को लेकर हम मानसिक रूप से तैयार है। इस संबंध में प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ से बातचीत हो गई है। चुनाव को लेकर पार्टी पूरी तरह से तैयार है। बता दें की जनवरी माह में पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब में कांग्रेस की बाडी को भंग कर दिया था। रावत कहते है, हम चाहते थे की जल्द से जल्द पार्टी की बाडी का गठन कर दिया जाए। किसान आंदोलन के बीच में ऐसा करना संभव नहीं हो सका। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के संबंध में रावत ने कहा कि यह एक फीडबैक मुलाकात थी। किसानों के आंदोलन को लेकर हम लोगों ने आपस में विचारों का आदान-प्रदान किया। कृषि बिलों को लेकर हरीश ने कहा कि केंद्र सरकार को ही किसानों की समस्या का हल निकालना होगा। क्योंकि किसानों को इन बिलों के जरिये खुद के लिए खतरा लग रहा है। किसानों को लगता है कि बिलों से मंडी, एमएसपी व पीडीएस सिस्टम खत्म हो जाएगा। जैसे जियो ने एक साल तक तो अपने सेवाएं फ्री दी।