चंडीगढ़, 4 दिसम्बर, अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- गवर्नमेंट मेडिकल कालेज एवं हॉस्पिटल (जीएमसीएच) सेक्टर 32 के डायरेक्टर प्रिंसिपल प्रो. डॉ. बीएस चवन की गत देर रात मृत्यु हो गई। काफी दिनों से वे बीमार चल रहे थे। जीएमसीएच-32 में उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने ने अस्पताल में ही अपनी अंतिम सांस ली। जानकारी के अनुसार उन्हें कैंसर था और लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था। पिछले एक सप्ताह से वे यहां वेंटिलेटर पर थे। अस्पताल के प्रशासनिक प्रवक्ता अनिल मोदगिल ने बताया कि देर रात उनकी तबीयत बिगड़ी और रात ढाई बजे उनका निधन हो गया। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच-32) में पिछले 24 साल से डॉ. चवन मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख के रूप में भी काम कर रहे थे। वर्ष 1996 में उन्होंने जीएमसीएच-32 में ज्वाइन किया था। इससे पहले डॉ. चवन ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली में आठ साल काम किया। डॉ. चवन ने 1987 में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ से मनोरोग का अध्ययन किया और 1998 में ऑस्ट्रेलिया से सामुदायिक मनोचिकित्सा में विश्व स्वास्थ्य संगठन फैलोशिप प्राप्त की। डॉ. बीएस चवन नामचीन मनोचिकित्सक थे। डॉ. चवन द्वारा मनोरोगियों के क्षेत्र में कई रिसर्च और इलाज की नई प्रणाली इजाद कर चुके थे। डॉ. चवन को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने गवर्नमेंट रिहैबिलिटेशन इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटी सेक्टर 31 और मेंटल हेल्थ इंस्टीट्यूट सेक्टर 32 के पद पर भी कार्यरत थे। उन्होंने वर्ष 1998 में ऑस्ट्रेलिया से सामुदायिक मनोरोग में डब्ल्यूएचओ फैलोशिप प्राप्त की थी। वर्ष 2003 में उन्हें एनआइएचएफडब्ल्यू, नई दिल्ली से डिप्लोमा इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (डीएचएम) की डिग्री हासल की थी। वह नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (एमएएमएस) फेलो ऑफ इंटरनेशनल मेडिकल साइंस एकेडमी (एफआइएमएसएम) के फेलो थे।। प्रो. चवन ने विकलांग व्यक्तियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। वह मानसिक बीमारी और मादक द्रव्यों के सेवन के लिए सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम शुरू करने में सहायक है, जिसमें समुदाय आधारित इनडोर डिटॉक्सिफिकेशन कैंप शामिल हैं। प्रो चवन ने मानसिक रूप से बीमार रोगियों की देखभाल के लिए नियमित सेवाएं शुरू की थी। प्रो. चवन की चंडीगढ़ में 24 घंटे सुसाइड प्रिवेंशन हेल्पलाइन सहित मानसिक स्वास्थ्य में संकट की स्थितियों के लिए होम बेस्ड ट्रीटमेंट केयर (एचबीटी) और क्राइसिस इंटरवेंशन सर्विसेज (सीआइएस) शुरू करने में अहम भूमिक रही।
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