चंडीगढ़ , 4 दिसम्बर, अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- आम आदमी पार्टी पंजाब प्रधान और संगरूर सांसद भगवंत मान ने आज चंडीगढ़ में किसान आंदोलन को लेकर पंजाब की कांग्रेस पार्टी और भाजपा के साथ रही शिरोमणि अकाली दल बादल के नेताओं पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार की ओर से पुरजोर कोशिश की जा रही है, लेकिन अब सरकार को बिल वापस लेने ही होंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा व राज्यसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिख कर विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा है,ताकि इस कृषि बिल को खत्म किया जा सके। मान ने कहा कि देश की राजधानी की सीमा पर अपने हकों के लिए हजारों परिवार ठंडी रातों में आंदोलन कर रहे है, ऐसे में अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना की वैक्सीन पर नेताओं से बात करने से पहले इन किसानों की मांगों को मानने के लिए पहल करनी चाहिए। मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी के वर्कर दिल्ली सीमा पर किसानों को हर संभव सहायता कर रहे है।
मान ने कहा कि जिस तरह से देश की सीमाओं पर सबसे पहले पंजाब दुश्मनों को रोकने के लिए लीड करता है, ठीक उसी तरह कृषि बिलों को खत्म करवाने के लिए पंजाब के किसानों को लीड कर रहा है लेकिन इन बिलों के खत्म होने पर सारे देश के किसानों को फायदा होगा। मान ने आज प्रेस कांफ्रेंस के दौरान फिल्म कलाकार कंगना रणौत के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये बेहद आपत्तिजनक और शर्मनाक है। एक महिला का दूसरी महिला को ऐसी बात कहना शोभा नहीं देता। पिछले दिनों बुजुर्ग महिला को 100 रुपए में आंदोलन में आने के लिए कंगना रणौत ने सोशल मीडिया पर बात कही थी कि ऐसी महिला 100-100 रुपए में मिल जाती है। भगवंत मान ने कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने कल किसानों के साथ साढ़े सात घंटों तक मीटिंग की गई और उसका नतीजा कुछ नहीं निकला, यह सरकार की नाकामी है। मान ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए तो यह था कि किसानों की मांगों को मानते हुए तुरंत लोकसभा व राज्यसभा का विशेष सेशन बुला कर इस बिल को खत्म कर देना चाहिए था जिससे देश के अन्नदाता का सम्मान किया जा सकता। मान ने कहा कि कल शिरोमणि अकाली दल के प्रकाश सिंह बादल की ओर से सम्मान को लौटाया जा रहा है, लेकिन यही काम जब शिरोमणि अकाली दल भाजपा की सहयोगी पार्टी थी तो उसी समय रोकना चाहिए था अब यह सब केवल दिखावा किया जा रहा है कि किसानों के हितों को लेकर वे सम्मान वापस कर रहे है। मान ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बारे कहा कि जब कृषि बिल को लेकर 3 महीने पहले बैठकें करने पंजाब के अधिकारी जा रहे थे तो उस समय विरोध क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उस समय तो बिलों की कॉपी को छिपा लिया गया। मान ने कहा कि कैप्टन साहब कल अमित शाह को मिल कर आए है लेकिन यह कुछ नहीं बताया गया कि उन्होंने अमित शाह से किसानों की मांगों को लेकर क्या बात ही। मान ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि ईडी की पड़ रही रेड के कारण कैप्टन साहब अमित शाह से कोई गुपचुप बात कर आंदोलन को खत्म करवाना चाह रहे हो। मान ने कहा कि कैप्टन साहब को अपने कांग्रेस के अन्य मुख्यमंत्रियों से मिलकर इस मसले को खत्म करने के लिए बात करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली जाने के लिए ऐसे एक हरियाणा का बोर्डर पार करना होता है लेकिन शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने जा रहे किसानों को दिल्ली जाने के लिए 7 स्थानों पर पुलिस की वाटर कैनन का सामना करते हुए पहुंचना पड़ा। अब किसानों की सिंधू बॉर्डर पर ऐसे घेरेबंदी की जा रही है जैसे किसी दूसरे देश के लोग पहुंच गए है।