पंचकुला , 3 दिसंबर (अग्रजन पत्रिका ) । हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल युवा ईकाई के प्रदेश प्रभारी राहुल गर्ग ने व्यापारी प्रतिनिधियों को मीटिंग लेते हुए कहा कि तीन कृषि काले कानून के विरोध में देश का किसान, आढ़ती, मजदूर व आम जनता ही नहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रुदो ने भी समर्थन किया है जबकि केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानून के विरोध में देश के किसान व आढ़ती ही नहीं विदेशों के किसान व व्यापारी में भी बड़ा भारी भारत सरकार के खिलाफ नाराजगी है। किसान आंदोलन के समर्थन में देश के किसान, व्यापारी, खाप व आम जनता का समर्थन मिलने से आंदोलन विराट रूप ले चुका है। प्रदेश प्रभारी राहुल गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना महामारी में बिना किसान व आढ़ती संगठनों से बातचीत करके कृषि काले कानून को थोपने का जो काम किया है वह निंदनीय है। जबकि सरकार बार-बार गलती पर गलती कर रही है क्योंकि सरकार तीन कृषि काले कानून को वापिस लेने की बजाए बार-बार मीटिंग का बहाना बनाकर देरी कर रही है। सरकार को तुरंत प्रभाव से तीन कृषि कानून को वापिस लेना चाहिए या चौथा कानून किसान की हर फसल एमएसपी रेटों में खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से गारंटी कानून बनाना चाहिए। प्रदेश प्रभारी राहुल गर्ग ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के पल्ले कुछ नहीं है। कृषि मंत्री किसान नेताओं से बार-बार मीटिंग करके किसानों की समस्या का हल ना करने से साफ सिद्ध हो जाता है कि कृषि मंत्री समय बर्बाद करने में लगे हुए है। जबकि किसानों की समस्या का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को किसान नेताओं से बातचीत करके इस समस्या का तुरन्त समाधान करना चाहिए। प्रदेश प्रभारी राहुल गर्ग ने कहा कि देश व प्रदेश का किसान कडाके की ठंड में अपना घर छोड़कर अपने पेट के लिए सड़कों पर बैठा है मगर सरकार समस्या का समाधान करने की बजाए किसानों पर लाठियां बरसा कर, झूठे मुकदमे बनाकर व जेल भेजकर भारी जुल्म किया है। जबकि किसान आंदोलन के कारण दिल्ली आने-जाने के सभी रास्ते बंद पड़े हैं अगर सरकार ने समय रहते देश व प्रदेश के किसान, आढ़ती व मजदूरों के हित में तीन कृषि कानून को वापिस नहीं लिया तो किसान आंदोलन उगर रूप ले लेगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र व प्रदेश सरकार की होगी। प्रदेश प्रभारी राहुल गर्ग ने कहा कि किसान आंदोलन को भडकाने, किसानों पर लाठीचार्ज करने व पुलिस बल से जबरन रास्ता रोकने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पूरी तरह जिम्मेदार है जिस के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसानों से खेद प्रकट करना चाहिए। जबकि मुख्यमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि हरियाणा का किसान आंदोलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं जो ब्यान पूरी तरह झूठ का पुलिंदा है आज हरियाणा का किसान कृषि काले कानून के विरोध में अपना सारा काम छोड़ कर पूरी तरह सड़कों पर उतरा हुआ है।