चंडीगढ़, 2 दिसंबर (अग्रजन पत्रिका ब्यूरो ) : - चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक मौजूदा समय में बदलते जलवायु परिवेश, भौगोलिक परिस्थितियों व अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए अपने अनुसंधान कार्य को आगे बढ़ाएं। इससे एक ओर जहां फसलों की गुणवत्ता कायम रहेगी वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उनकी डिमांड बढ़ेगी।
प्रोफेसर सिंह विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र बावल, कृषि विज्ञान केंद्र व कृषि महाविद्यालय बावल में चल रहे अनुसंधान, शिक्षण, विस्तार व अन्य कार्यों का जायजा लेने के उपरांत वैज्ञानिकों से रूबरू हो रहे थे। इस दौरान उन्होंने जल संरक्षण के लिए केंद्र में चल रहे टपका सिंचाई व अन्य तकनीकों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों को अपना काम पूरी निष्ठा व कर्तव्य से करना चाहिए और उनका मुख्य लक्ष्य विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नई-नई तकनीकों व विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों की जानकारी किसानों तक पहुंचाना होना चाहिए। उन्होंने किसानों से समन्वित खेती को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जिन क्षेत्रों में भूमि कम ऊपजाऊ है, वहां किसान समन्वित कृषि प्रणाली अपनाकर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने वैज्ञानिकों से बागवानी, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन व जैविक खेती को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मशरूम व मधुमक्खी का व्यवसाय किसान कम लागत से शुरू कर सकता है और अधिक मुनाफा कमा सकता है। इसी प्रकार कम सिंचित क्षेत्र में टपका सिंचाई कारगर साबित हो सकती है और वहां किसान मधुमक्खी पालन भी आसानी से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक फसलों, फलों व सब्जियों की नई किस्मों व तकनीकों को विकसित करते समय इस बात का भी खास ध्यान रखें कि उसका लाभ हर छोटी से छोटी जोत वाले किसान तक पहुंचना चाहिए।