---- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो--
’- केंद्र की असंवेदनशील भाजपा सरकार कड़ाके की ठंड में देशभर से आकर दिल्ली बाॅर्डर पर बैठे हजारों किसानों से इन काले कानूनों के मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है-
- ’देेश के गृहमंत्री को हैदराबाद में नगर निगम चुनाव का प्रचार करने का समय है, लेकिन किसानों से बात करने का समय नहीं है।
-टैक्टर चलाकर खूद किसानों से मिलें;-सुशील कुमार
-एक किसान के रूप में किसानों की समस्या सुनकर सांसद सुशील गुप्ता का दिल-भर आया;- डाॅ सुशील गुप्ता, आम आदमी पार्टी के सांसद व हरियाणा के सहप्रभारी
नई दिल्ली, 30 नवंबर। आम आदमी पार्टी के सांसद व हरियाणा के सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता आज हरियाणा के टिकरी बाॅर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल होकर किसानों से खुद टैक्टृर चलाकर उनका हौसला बढाने पहुंचे। इस दौरान उनके साथ पंजाब के जैतो से विधायक बलदेव सिंह जेतो व हरियाणा में पार्टी के युवा नेता दीपक जैन, दिल्ली के पूर्व पार्षद देशराज, हरियाणा में पार्टी के मध्य जोन के अध्यक्ष अश्वनी, साहिल सहित काफी संख्या में किसान व कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
सांसद सुशील गुप्ता सुबह 10 बजे ही टैक्टर चलाकर टिकरी बाॅर्डर पर भारी संख्या में बैठे किसानों के बीच पहुंच चुके थे। इस दौरान वह करीबन 5 घंटे तक किसानों के बीच रहे। वह वहां लगे किसानों के टैंटों में गए तथा पंजाब, हरियाणा व राजस्थान से आए किसानों से मिलकर उनकी बातें सुनी ओर उनको मास्क व खाने का सामान भी वितरित किया।
सुशील गुप्ता से किसानों ने शिकायत की कि देेश के गृहमंत्री अमित शाह को हैदराबाद में नगर निगम चुनाव का प्रचार करने का समय है, लेकिन देश के किसानों से बात करने का समय नहीं है। केंद्र में बैठी असंवेदनशील भाजपा सरकार कड़ाके की ठंड में देश के कोने-कोने से आकर दिल्ली बाॅर्डर पर बैठे हजारों किसानों से इन काले कानूनों के मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है। किसान इस देश का अन्नदाता है।
सुशील गुप्ता ने पूरी बातचीत सुनने के उपरांत किसानों से कहा कि वह एक नेता की हैसियत से नहीं, बल्कि आंदोलन में एक किसान के रूप में शामिल हुए है। वह किसान का दर्द समझते है। उन्होंने कहा आज पूरे देश का किसान अपने घरों, गांवो और खेतों को छोड़कर दिल्ली कूच कर रहा है, क्योंकि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने किसान विरोधी काले कानूनों को पास किया है। यहीं नहीं पंजाब, हरियाणा का किसान तो दिल्ली की तरफ बढ ही चला है। अब इस आंदोलन में उत्तराखंड राजस्थान, उत्तर प्रदेश का भी किसान दिल्ली की ओर चल दिया है। दिल्ली पहुंचा किसान ठंड में भी सड़क पर बैठा हुआ है, क्योंकि वह चाहता है कि देश की सरकार उसकी बात सुने। वह किसान जो इस देश का अन्नदाता है, जो देश में रहने वाले हर एक व्यक्ति को भोजन उपलब्ध कराता है, आज जब उसके खुद के पेट पर ऐसे काले कानून बनाकर लात मारने का काम केंद्र सरकार कर रही है, तो वह सड़क पर निकलकर सरकार से मांग कर रहा है कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार उसकी बात सुने। लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि आज हमारे देश में एक ऐसी असंवेदनशील सरकार है जो कि लाखों की संख्या में सड़क पर बैठे हुए इन किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है।
सुशील गुप्ता ने देश के गृहमंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि गृहमंत्री अमित शाह किसानों से बात करने को तैयार है, मगर समय नहीं बताते, यह छलावा नहीं तो क्या है।
उन्होंने कहा कि अमित शाह खूद आकर देखें कि आंदोलन मंे किसानों के परिवार से बूढ़ी-बुजुर्ग महिलाएं अपना घर परिवार, अपना गांव, सब छोड़कर दिल्ली आई हैं, सिर्फ इसलिए ताकि केंद्र में बैठी सरकार उनकी बात सुने। इस देश का अन्नदाता दिल्ली की ठिठुरती ठंड में सड़कों पर बैठकर गृहमंत्री और केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन कोई उनसे मिलने नहीं आता केवल हवा में बातें करते है कि केन्द्र सरकार उनसे मिलने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही दिन से कह रहें है कि किसानों से बात की जानी चाहिए। लेकिन केन्द्र सरकार किसानों से टकराव पर उतारू है, ऐसे में समस्या का हल कैसे निकलेगा। उन्होंने किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन पर चर्चा के लिए जल्द से जल्द केन्द्र सरकार को पहल करने का अनुरोध भी किया।
प्रेस सचिव
विजय कुमार
9312188144
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