Chandigarh
मन की बात सुनाने की बजाय देश के प्रधानमंत्री को जन की बात सुननी चाहिए: अभय सिंह चौटाला
November 30, 2020 08:38 PM
इंडियन नेशनल लोकदल
प्रेस विज्ञप्ति
मन की बात सुनाने की बजाय देश के प्रधानमंत्री को जन की बात सुननी चाहिए: अभय सिंह चौटाला
केंद्र की सरकार किसानों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए किसान संगठनों में फूट डालने की कर रही है कौशिश
कांग्रेस और भाजपा सरकार एक सोची समझी रणनीति के तहत किसानों को खत्म करना चाहती है
किसान आंदोलन को कभी खालीस्तानी और कभी षडय़ंत्रकारी कह कर भाजपा सरकार किसानों का कर रही है अपमान
चंडीगढ़, ३० नवंबर:--- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- इनेलो प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला ने कहा कि यह बहुत बड़ी विडंबना है कि हमारा देश कृषि प्रधान होने के बावजूद जहां कृषि कानूनों को किसानों की राय लेकर बनाना चाहिए वहीं वो लोग कृषि कानून बना रहे हैं जिनका खेती से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। जनता को अपने मन की बात सुनाने की बजाय देश के प्रधानमंत्री को जन की बात सुननी चाहिए ताकि देश की जनता की समस्याओं का समाधान किया जा सके। जिन किसानों ने कभी इन कृषि कानूनों की मांग ही नही की उन पर जबरदस्ती इन कानूनों को थोपना कहां का इंसाफ है। प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात कार्यक्रम में कही गई बात कि कृषि सुधारों ने किसानों को अधिकार और अवसर दिए हैं अगर सच होता तो आज पूरे देश के किसान इनके खिलाफ सड़कों पर आंदोलन ना कर रहे होते।
इनेलो नेता ने किसान संगठनों द्वारा केंद्रीय ग्रह मंत्री के शशर्त प्रस्ताव को ठुकराने का समर्थन करते हुए कहा कि किसानों की मांग मानने की बजाय अपनी शर्तों को लगाना बिल्कुल गलत है। किसानों का यह संदेह भी जायज है कि केंद्र सरकार किसानों को बुराड़ी बुला कर उन्हें उस मैदान में बंद कर सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार किसानों के आंदोलन को कमजोर करने के लिए किसान संगठनों में फूट डालने की कौशिश कर रही है क्योंकि ग्रह मंत्री द्वारा जो निंमत्रण दिया गया है वो केवल पंजाब के किसान संगठनों के नाम है जबकि यह आंदोलन पूरे देश के किसानों का है जिनका कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है। केंद्र द्वारा किसानों से बात करने का दिन ३ दिसंबर रखने पर भी संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि यह देरी इसलिए की जा रही है ताकि औछे हथकंडे अपना कर किसान आंदोलन को कमजोर किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि तुरंत किसानों की मांगों को मान कर आंदोलन समाप्त किया जाए।
इनेलो नेता ने कहा कि आज जो कांग्रेस किसानों का हितैसी होने का ढोल पीट रही है वो भी भाजपा के साथ बराबर की दोषी है क्योंकि इन कानूनों की शूरूआत कांग्रेस ने ही की थी। कांग्रेस और भाजपा सरकार एक सोची समझी रणनीति के तहत किसानों को खत्म करना चाहती है। किसान आंदोलन को कभी खालीस्तानी और कभी षडय़ंत्रकारी कह कर भाजपा सरकार किसानों का अपमान कर रही है। मुख्य मंत्री द्वारा दिए गए बयान कि इस आंदोलन में हरियाणा का किसान शामिल नहीं है पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि यह प्रदेश के किसानों का अपमान है। हरियाणा के मुख्य मंत्री को पंजाब के मुख्य मंत्री से उलझने की बजाय तुरंत केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए और किसानों की मांग को मनवा कर इस समस्या का हल निकलवाना चाहिए साथ ही हरियाणा सरकार किसानों पर दर्ज मुकदमों को भी तुरंत प्रभाव से खारीज करे।