-दिल्ली स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय मंे कुलपति नियुक्ति के विज्ञापन में भ्रष्टाचार।
-शिक्षा मंत्रालय की बजाए विश्वविद्यालय ने मांगे आवेदन।
-सांसद सुशील गुप्ता ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर।-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता ने दिल्ली स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय मंे कुलपति नियुक्ति के विज्ञापन में भ्रष्टाचार के सन्दर्म में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।
सांसद सुशील गुप्ता ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि दिल्ली स्थित संस्कृत विश्वविद्यालय कटवारिया सराय व जनकपुरी में कुलपति नियुक्ति को लेकर विज्ञापन निकाला है। यह विज्ञापन उक्त दोनों ही विश्वविद्यालय द्वारा अपने-अपने ईमेल व पते पर मांगे गए है। विज्ञापन में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लेटर हेड का भी प्रयोग किया गया है। यहीं नहीं विज्ञापन में आवदेको से आवेदन विश्वविद्यालय के कुलसचिव के ईमेल एवं पते पर मांगा गया है। दूसरा सभी आवेदनों की स्क्रीनिंगं आदि का कार्य भी दोनों ही विश्वविद्यालयों द्वारा ही किया गया है।
पत्र मंे सांसद सुशील कुमार ने लिखा है कि सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुथ्कत का विज्ञापन एंव नियुक्त् िसंबंधित अन्य प्रक्रियाएं शिक्षा मंत्रालय द्वारा की जाती रही है,तथा आवेदकों से फार्म भी शिक्षा मंत्रालय के पते व ईमेल पर ही मांगा जाता है। यह ज्ञापन 10 नवंबर 2019 से 20 सितंबर 2020 तक के सभी 19 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियो की नियुक्ति का विज्ञापन मंत्रालय द्वारा किया जाता है,जो वर्तमान में भी उपलब्ध है।
उन्हांेने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि विज्ञापन को निरस्त कर पुन; विज्ञपित करने का आदेश दे, तथा शिक्षा मंत्रालय को आदेश दे कि दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा कुलसचिव को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर कुलपतियों की नियुक्ति के लिए अपनायी गई इस प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच कर, संस्कृत के विद्वानों के साथ न्याय किया जाए।
प्रेस सचिव
विजय कुमार
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