चंडीगढ़-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो--
चंडीगढ़ में प्रदूषण बढ़ रहा है, इसलिए चंडीगढ़ प्रशासन ने एक 'इमरजेंसी प्लान' तैयार किया है। इन योजना के तहत शहर में खुले में कचरा जलाने, सड़कों से गाड़ियों की संख्या कम करने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को बंद करने समेत कई उपाय बताए गए हैं। यह योजना भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है, ताकि शहर की हवा को साफ और स्वच्छ रखा जा सके। अक्तूबर माह में पिछले महीनों के मुकाबले प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है। अक्तूबर माह की शुरुआत से ही शहर ही हवा भी खराब होनी शुरू हो गई। यही कारण है कि पहले दो सप्ताह से एयर क्वालिटी इंडेक्स 101 से नीचे नहीं आया, बल्कि अधिकतम ये 131 तक भी पहुंच गया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों पर ही प्रशासन ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह योजना बनाई है। बीते दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के साथ हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में प्रशासन की तरफ से ट्रिब्यूनल को इस योजना के बारे में जानकारी दी गई। इन उपायों में वाहनों की संख्या को कम करना, ट्रैफिक मैनेजमेंट, प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को बंद करना, खुले में कचरा न जलाना, सड़क और निर्माण के दौरान उठने वाली धूल, निर्माण गतिविधियों को कम करना या रोकना, सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करना, मशीनी तकनीक से सड़क की सफाई आदि शामिल है। 101 से लेकर 200 तक एयर इंडेक्स में लोगों को फेफड़ों से सांस लेने में व दिल की बीमारियों के मरीजों, बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत होती है। अक्तूबर माह में अधिकतम 8 तारीख को 131 एयर क्वालिटी इंडेक्स पाया गया है और रोजाना ये 100 या 110 से ऊपर ही रहा है। पिछले माह 25 सितंबर से ही शहर में प्रदूषण के स्तर पर इजाफा होना शुरू हुआ है। इससे पहले एक दिन को छोड़कर ये संतोषजनक थी। गौरतलब है कि यह योजना अलग-अलग एयर क्वालिटी इंडेक्स को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।