चंडीगढ़-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो--
पंजाब के ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) को रोकने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को केंद्र सरकार को इस फैसले पर फिर से गौर करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस कदम से राज्य में ग्रामीण विकास कार्यों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
केंद्र सरकार के फैसले के समय पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आरडीएफ जारी न करने की ऐसी कोई रिवायत नहीं है, जो पिछले फंडों के प्रयोग की जांच के दौरान राज्य का बकाया है। उन्होंने इस मसले को सुलझाने के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को दिल्ली जाकर उपभोक्ता मामलों संबंधी केंद्रीय मंत्री से मिलने को कहा है, क्योंकि इस कदम ने राज्य को वित्तीय संकट के बीच और बड़ी चोट पहुंचाई है। कैप्टन ने कहा कि राज्य सरकार फंडों के प्रयोग संबंधी केंद्र सरकार की तरफ से मांगे गए विवरण सौंपेगी, जैसा बीते समय में भी किया जाता रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से लिए गए फैसले पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि भारत सरकार की तरफ से इस्तेमाल किए गए फंडों की जांच की जानी हो लेकिन जहां तक आरडीएफ जारी न करने का संबंध है, ऐसा पहली बार हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को भली-भांति पता है कि इन फंडों को राज्य की अनाज मंडियों, ग्रामीण इलाकों में सड़कों के निर्माण जैसे अहम कृषि मंडीकरण बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जाता है। यह फंड जारी न करने की सूरत में गांव के विकास में रुकावट आएगी और किसानों में गुस्सा और बढ़ेगा जो पहले ही केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं।