चंडीगढ़-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो--
चंडीगढ़ में लगातार बढ़ते अपराध पर प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने चिंता जताई है। गुरुवार को उन्होंने डीजीपी संजय बेनीवाल के साथ हुई बैठक में निर्देश दिए कि क्लबों में तैनात बाउंसरों का पुलिस रिकॉर्ड तैयार कराएं। इसके अलावा बिना वेरिफिकेशन व लाइसेंस के चल रहे क्लब के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाए। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने शहर में वाहन चोरी की वारदातों पर भी अंकुश लगाने पर जोर दिया। जवाब में डीजीपी ने उन्हें बताया कि चंडीगढ़ पुलिस ने पिछले दिनों ऐसे कई सनसनीखेज मामले सुलझाए हैं। साथ ही भरोसा दिलाया कि बाकी मामलों को भी जल्द सुलझाया जाएगा। शहर में सक्रिय अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस गश्त, नाकों की संख्या और सड़कों पर पुलिस की दृश्यता को बढ़ाया गया है। प्रशासक ने कहा कि एक ऐसा फंड तैयार कर पंजाब विश्वविद्यालय के साइबर और मनोविज्ञान विभाग को देना चाहिए, ताकि बेहतर पुलिसिंग के लिए शोध हो सके। पुलिस की पड़ताल में खामियों में बारे में भी पता चल सके। बैठक में डीआईजी ओमवीर सिंह बिश्नोई, एसएसपी कुलदीप सिंह चहल, पुलिस मुख्यालय व क्राइम एसपी मनोज कुमार मीणा, एसपी सिटी विनीत कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में एसएसपी कुलदीप सिंह चहल ने बताया कि अपराधियों समेत गैंगस्टर्स का खाका तैयार किया गया है। पब बार को बदमाशों के शहर में आवाजाही और गैंगस्टर्स से जुड़ी खुफिया जानकारी देने को कहा गया है। इसके अलावा क्लबों के बाहर विशेष नाका और नाइट चेकिंग के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जोकि क्लब के बाहर अक्सर लगाए जा रहे हैं।
बता दें कि एसएसपी कुलदीप सिंह चहल के ज्वाइन करने के बाद चंडीगढ़ में गोलीकांड की पांच बड़ी वारदातों के अलावा झपटमारी वाहन चोरी समेत अन्य आपराधिक मामले सामने आए हैं। केस को सुलझाने के बजाए यूटी पुलिस आपस में ही उलझती रही। इतना ही नहीं गोलीकांड में एक भी मुख्य अपराधी तक पहुंच भी नहीं सकी। पुलिस की ज्यादातर जांच प्रोडक्शन वारंट पर लाने वाले गैंगस्टर्स पर टिकी रहती है।