चंडीगढ़, 21 अक्तूबर- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो-- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय,हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान के सह-निदेशक डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने कहा कि किसान फसलों के अवशेष को जलाने की बजाय उनका उचित प्रबंधन करें ताकि पर्यावरण को प्रदुषित होने से बचाया जा सके और जमीन की उर्वरा शक्ति को भी बरकरार रखा जा सके।
वे आज ‘फसल अवशेष प्रबंधन’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर हिसार में प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि वे न केवल स्वयं बल्कि अन्य किसानों को भी इस बारे में जागरूक करें और फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताएं। उन्होंने संस्थान द्वारा बेरोजगार युवाओं के लिए चलने वाले विभिन्न कौशल कार्यक्रमों की भी विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान के सहायक निदेशक (बागवानी) डॉ. सुरेंद्र सिंह ने धान-गेहू फसल चक्र में बागवानी फसलों के माध्यम से विविधिकरण करने बारे जानकारी दी। इनके अलावा, क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान उचानी (करनाल)के सहायक वैज्ञानिक(सस्य विज्ञान) डॉ. संदीप रावल, प्रशिक्षण के संयोजक डॉ. संदीप भाकर, सहायक वैज्ञानिक (फार्म मशीनरी) डॉ. अनिल सरोहा ने भी फसलों के अवशेषों का प्रबंधन करने बारे जागरूक किया।
क्रमांक-2020
जंगबीर सिंह