*पँचकुला*
*बिजली विभाग UHBVNL द्वारा आम नागरिक को चपत लगवाई जा रही है*
--- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो--
पिछले महीने मेरा बिजली का बिल आने का समय हो गया था परन्तु बिल रीडिंग लेने वाला व्यक्ति नही आया था । दो दिन बाद मोबाइल पर मैसेज आता है की आपकी रीडिंग ली गयी है जो की 135 यूनिट है । मैं मेसेज मिलते ही मीटर देखने गया की रीडिंग वाला आया हुआ है परन्तु वहां कोई नही था और मुझे फिर मेसेज आया की आपकी खपत 135 यूनिट का बिल जो लगभग 2800 का मुझे मेसेज द्वारा भेजा गया । जबकि मेरी यूनिट 500 तक खपत हुई हुई थी । इसकी शिकायत टोल फ्री नम्बर पर दी गयी और कुछ दिन बाद बिजली विभाग से एक कर्मचारी आया और मीटर की फ़ोटो लेकर गया और कहा की अगले बिल में ये रीडिंग ठीक हो जाएगी परंतु अगला बिल का समय आ गया और रीडिंग वाला भी आ गया जब उसने बिल बनाया तो पिछली रीडिंग एडजस्ट नही हुई ।
इसकी लिखित शिकायत SDO को दी गयी है और इस पर कार्यवाही का भरोसा भी SDO द्वारा दिया गया है ।
उपभोगता को इस से क्या नुकसान होता है समझिए
आपकी यूनिट 500 खपत थी और आपकी खपत 135 दिखाई गई जिसपर UHBVNL को 135 * 8 rs का बिल बनाकर - 1080 उसमें 1720 डालने पड़ते है MMC अमाउंट टू कवर मिनिमम चार्जेज
अगर यही बिल 500यूनिट का सही बनता तो 500*8 4000 का बनता ।
विभाग की गलती ओर लापरवाही से 135 यूनिट के बिल में 1500 सो फालतू ओर बची हुई 365 यूनिट में लगभग 1000 फालतू उपभोगता को दंड पड़ता है ।
मेरे पास समय था तो में ठीक करवाने को दे आया। अभी पता नहीं बिजली विभाग कब इस ग़लत बिल को सही कर मेरे से ज्यादा वसूले गए पैसे अडजस्ट कर कर मेरे को सूचित करता है। पर हर नागरिक पर इतना समय नही होता की वो अपना मीटर हर बार चैक कर बिजली ओफिस के चक्कर काटता रहे । रीडिंग लिए बिना बिल जनरेट नही होना चाहिए ऐसी व्व्हस्ता करनी चहिय UHBVNL को
नरेश नारंग