चंडीगढ़-- अग्रजन पत्रिका ब्यूरो--
राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षा में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर विचार विमर्श के उद्देश्य से, मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर वीमेन, चंडीगढ़ ने राष्ट्रीय उच्चतर अभियान शिक्षा अभियान (रूसा) के तत्वाधान 'पैराडाइम शिफ्ट इन न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 : रोल ऑफ़ टेक्नोलॉजी इन हायर एजुकेशन सेक्टर' विषय पर वेबिनार का आयोजन किया ।
वर्तमान स्थिति में प्रासंगिक इस वेबिनार में हेड, आईसीटी एंड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (नीपा), नई दिल्ली के प्रो. के एन श्रीनिवास, मुख्य अतिथि तथा राष्ट्रीय उच्चतर अभियान शिक्षा अभियान (रूसा), चंडीगढ़ के मिशन कोर्डिनेटर डॉ दलीप कुमार, बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे । गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मेघालय, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गोवा, सिक्किम, नागालैंड, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, त्रिपुरा सहित देश के सभी उत्तरी राज्यों से शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने वेबिनार में बढ़चढ़ कर भाग लिया।
कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ निशा भार्गव ने अपने उद्घाटन सम्बोधन में कहा कि एनईपी 2020 एक व्यापक दस्तावेज है जिसमे भारत के शिक्षा परिदृश्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के साथ साथ 'भारत' के वास्तविक सार को बनाए रखते हुए पश्चिम के सर्वश्रेष्ठ को भी अपनाने का प्रयास है। डॉ भार्गव ने कहा कि वर्तमान महामारी की स्थिति में शिक्षा प्रदान करने के एकमात्र तरीके 'ऑनलाइन शिक्षण' में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत शिक्षा क्षेत्र सहित कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहा है और इन चुनौतियों पर काबू पाने में भारत का लचीलापन महत्वपूर्ण होगा।
प्रो के श्रीनिवास ने अपने ज्ञानवर्धक संबोधन में, प्रेक्टिशनर दृष्टिकोण से प्रौद्योगिकी को देखने की आवश्यकता पर बल दिया क्योंकि एक शिक्षक डिजिटल शिक्षण प्रक्रिया का मुख्य अंग है। प्रो। श्रीनिवास ने ऑफ़लाइन से ऑनलाइन शिक्षण की बारीकियों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला और कहा कि प्रौद्योगिकी एक सुविधा है तथा शिक्षक ही एक ऐसा वातावरण प्रदान कर सकते है जहां शिक्षण हो सकता है। कोविड - 19 के कारण शिक्षकों को भी तकनीक के नए मानदंड अपनाने पड़े हैं। प्रो श्रीनिवास ने कहा कि शिक्षाशास्त्र, अनुदेशात्मक डिजाइन, प्रौद्योगिकी उन्मुख सीखने के परिणामों और संसाधनों में प्रशिक्षण की कमी जैसे मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है। विशेषज्ञ ने कहा कि शिक्षकों को प्रौद्योगिकी के नवीन कौशल में दक्ष होने के साथ साथ उन्हें गुणवत्तापूर्ण ऑनलाइन शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढाँचा प्रदान करने की आवश्यकता है । एनईपी -2020 के संबंध में प्रो श्रीनिवास ने कहा कि इसका उद्देश्य स्कूलों के साथ-साथ उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन शिक्षण को बढ़ाना है। परिचालन रणनीतियों और संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए प्रो श्रीनिवास ने ऑनलाइन शिक्षा की तकनीक के रूप में प्रासंगिक बने रहने के लिए परिवर्तन को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि डिजिटल पहल में उच्च शिक्षा में क्रांति की संभावनाएं हैं।
डॉ दलीप कुमार ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में उच्च शिक्षा में इक्विटी, पहुंच और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि प्रौधोगिकी एवं तकनीकी ने शिक्षा के क्षेत्र में कोविड -19 द्वारा लाये गए व्यवधान का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे भी चुनौतियों का सामना करने के लिए संरचना को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया है। ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल शिक्षा और प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर चर्चा करते हुए डॉ दलीप ने ऑनलाइन शिक्षा के लिए संसाधनों और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मॉड्यूल को बनाने में एचआरडीसी और नीपा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। वेबिनार के अंत में प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों से अपने प्रश्नो का समाधान भी प्राप्त किया ।